SEBI On Investment Advisers: सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों खुलेआम खुद को इंवेस्टमेट एडवाइजर्स (Investment Advisers) बताकर निवेशकों को सलाह देते हुए देखा जा सकता है. जिसके झांसे में आकर आम निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई गवां दे रहे हैं. जिसे लेकर शेयर बाजार की रेग्यूलेटर बेहद गंभीर नजर आ रही है. सेबी (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कहा है कि इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स का सेबी के साथ रजिस्टर्ड ना होना चिंता कारण है. उन्होंने इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स से सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सेबी को लाखों इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की दरकार है.
सेबी चेयरपर्सन ने आरआईए (RIA) कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम फैक्ट और फेक एडवाइजर्स में फर्क करना चाहते हैं जिसके लिए हमें 10 लाख रजिस्टर्ड एडवाइजर्स की जरूरत है. सेबी चीफ ने कहा कि हमारा काम निवेशकों को आगाह करना है. हमारा लिए ये बताना जरूरी है कि आगे खाई है मगर इसके बाद भी कोई खाई में कूदना चाहता है तो ये उसका निर्णय है.
माधबी पुरी बुच ने कम्पलसरी कॉरपोरेटाइजेशन (Compulsory Corporatisation) पर जोर देते हुए कहा, हमने अपनी आंखों से देखा है कि एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर एक रजिस्ट्रेशन के साथ 500 लोगों वाले कॉल सेंटर के साथ बिजनेस चला रहा है. हमें पता नहीं कि उसने कितने लोगों को खुदकुशी करने के लिए मजबूर किया है. अगर आपके पास इतना बड़ा बिजनेस है तो कॉरपोरेटाइजेशन करने में क्या तकलीफ है. कॉरपोरेटाइजेशन पर जोर देते हुए सेबी चीफ ने कहा कि जब बोर्ड होता है तो अनुपालन बढ़ जाती है. कॉरपोरेट स्ट्रक्चर होने से निवेशकों की रक्षा की गुंजाइश बढ़ जाती है जो एक व्यक्ति के केवल होने पर संभव नहीं है.
सेबी चेयरपर्सन ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की तारीफ में कसीदे पढ़े. उन्होंने कहा कि बाजार में निवेश का सबसे बेहतर जरिया म्यूचुअल फंड है. ये बेहतर तरीके से चलाया जा रहा है. अभी ये एक छोटा उद्योग है. लेकिन नींव मजबूत किए जाने की जरुरत है.
ये भी पढ़ें