दो लाख रुपये से कम के म्यूचुअल फंड ऑर्डर के लिए नया नियम, AMC को पैसा मिलने के बाद ही मिलेगा NAV
नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा. हालांकि इस नए नियम के दायरे से ओवरनाइट और लिक्विड म्यूचुअल फंड बाहर रखे गए हैं.
बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड्स के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक, अब दो लाख रुपये से कम के म्यूचुअल फंड ऑर्डर पर क्लोजिंग नेट असेट वैल्यू (NAV) उस दिन मिलेगी, जिस दिन पैसा असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMCs) के पास ट्रांसफर होगा. नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा. हालांकि इस नए नियम के दायरे से ओवरनाइट और लिक्विड म्यूचुअल फंड बाहर रखे गए हैं.
लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स पर लागू नहीं होगा नया नियम
अभी 2 लाख रुपये से कम के म्यूचुअल फंड ऑर्डर्स के लिए नेट असेट वैल्यू यानी NAV, निवेशक की ओर से ऑर्डर प्लेस किए जाने के दिन ही मिल जाते हैं, भले ही उस दिन पैसा AMCs के पास न पहुंचे. सेबी ने सर्कुलर में कहा है कि लिक्विड और ओवरनाइट फंड के मामले में एनएवी से जुड़े ये नया नियम लागू नहीं होगा. साथ ही सभी म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए कट ऑफ टाइमिंग्स में कोई बदलाव नहीं है.
लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स को छोड़कर दूसरे म्यूचुअल फंडों की स्कीम के लिए दोपहर एक बजे तक परचेज एप्लीकेशन जमा की जाती है तो उस दिन की NAV मिल जाती है. वहीं अगर दोपहर एक बजे के बाद एप्लीकेशन जमा होती है तो दूसरे दिन की NAV मिलती है. लिक्विड और ओवरनाइट स्कीमों के मामले में नियम थोड़े अलग हैं. लिक्विड और ओवरनाइट स्कीमों के लिए अगर आवेदन एप्लीकेशन साढ़े बारह बजे से पहले किया जाता है तो एक दिन पहले की एनएवी मिलती है. साढ़े बारह बजे के बाद एप्लीकेशन देने पर उसी दिन की एनएवी मिलती है.
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