Subrata Roy Death: सहारा इंडिया परिवार (Sahara India) के संस्थापक सुब्रत रॉय सहारा (Subrata Roy) का निधन हो गया है. इसके बाद से ही उनके खिलाफ चल रहे मामलों पर संशय बना हुआ था. हालांकि, सेबी (SEBI) ने साफ कर दिया है कि ये केस बंद नहीं होंगे. इस पर जानकारी देते हुए सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कहा कि ये मामले किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं थे. ये सहारा की दो कंपनियों के खिलाफ चल रहे मामले हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त समिति जो भी निर्देश देगी, हम उसका पालन करेंगे. सहारा के निवेशकों को 25 हजार करोड़ रुपये (Rs 25000 Crore) लौटाने पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी उचित दस्तावेज पेश किए हैं, उनका पैसा वापस कर दिया गया है. 


निवेशकों को 138 करोड़ रुपये दे चुका है सेबी 


सेबी ने 31 मार्च तक निवेशकों के करीब 138 रुपये लौटा दिए थे. निवेशकों को कुल 25 हजार करोड़ रुपये वापस किए जाने हैं. फिक्की के कार्यक्रम में भाग लेने बाद सेबी की चेयरपर्सन ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति के चले जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमारा केस उनकी कंपनियों के खिलाफ है. लोगों को पैसा वापस करने की प्रक्रिया भी चलती रहेगी. चूंकि, सेबी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सावधानी से पैसा वापस कर रहा है. इसलिए फिलहाल निवेशकों को वापस की गई रकम काफी कम दिखाई दे रही है. 


सेबी और सहारा के बीच चली लंबी कानूनी लड़ाई 


सेबी और सहारा समूह के बीच लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है. इस मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को दो साल की जेल भी काटनी पड़ी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेबी को लगभग 3 करोड़ निवेशकों का पैसा वापस करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. माधबी पुरी बुच ने बताया कि कई बार विज्ञापन दिया जा चुका है. जिसने भी उचित दस्तावेज पेश किए. उनकी जांच के बाद पैसा वापस किया जा चुका है. आगे भी सेबी यही प्रक्रिया जारी रखेगा. 


सहारा ने पैसा न बांटने के आरोप लगाए थे 


सहारा ग्रुप ने बाजार नियामक सेबी पर आरोप लगाए थे कि वह निवेशकों का पैसा वापस करने के उचित कदम नहीं उठा रहा है. जबकि, कंपनी लगभग 24 हजार करोड़ रुपये जमा करा चुकी है. सेबी ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट (SIREL) और सहारा हाउसिंग कारपोरेशन (SHICL) पर निवेशकों से धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे. यह मामला कोर्ट में गया और वहां से सहारा इंडिया परिवार का पतन होने लगा.


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