National Stock Exchange: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने कोलोकेशन मामले (Colocation Case) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) और इसके 7 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई बंद कर दी है. इसे एनएसई के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. सेबी ने शुक्रवार को कहा कि इन सभी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे इसलिए केस बंद किया जा रहा है. इस मामले में राहत हासिल करने वाले अधिकारियों में चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna), रवि नारायण (Ravi Narain) और आनंद सुब्रमण्यन (Anand Subramanian) शामिल हैं. 


कोलो फैसिलिटी में थीं खामियां लेकिन मिलीभगत नहीं  


सेबी ने माना कि एनएसई की कोलोकेशन (कोलो) सुविधा (Colo Facility) में कुछ खामियां थीं. मगर, स्टॉक ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज (OPG Securities) के साथ किसी मिलीभगत का कोई पुख्ता सबूत हमें हासिल नहीं हुआ है. ओपीजी सिक्योरिटीज ने एनएसई के सेकेंडरी सर्वर तक अवैध तरीके से अपनी पहुंच बना ली थी. सेबी के मेंबर कमलेश वार्ष्णेय (Kamlesh Varshney) ने अपने आदेश में कहा कि कोलो केस में आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं. 


सैट ने सेबी के आदेश पर रोक लगाकर फिर से सुनवाई करवाई 


मामले में सेबी के अप्रैल, 2019 के आदेश को रद्द करते हुए सिक्योरिटीज एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (Securities Appellate Tribunal) ने कहा था कि वह 4 महीने में इस मसले पर फिर से फैसले दे. इस डेडलाइन को बाद में बढ़ा दिया गया था. सैट ने सेबी से रकम की वसूली की मात्रा और मिलीभगत के आरोप पर फिर से विचार करने को कहा था. इसके साथ ही एनएसई पर लगा बदनुमा दाग भी धूल गया है. इस केस के चलते एनएसई के पब्लिक लिस्टिंग की योजनाएं भी पिछल गई थीं. सेबी ने अब एनएसई, चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण, आनंद सुब्रमण्यन के अलावा रवींद्र आप्टे (Ravindra Apte), उमेश जैन (Umesh Jain), महेश सोपारकर (Mahesh Soparkar) और देवीप्रसाद सिंह (Deviprasad Singh) के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए हैं.


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