सेबी ने साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क को लागू करने की समयसीमा बढ़ाई, दे दिया 3 महीने का अतिरिक्त समय
SEBI Guidelines: सेबी ने साइबर सुरक्षा के लिए एमआईआई को जारी गाइडलाइन के अनुपालन की समय-सीमा बढ़ा दी है. इसे 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया गया है.
SEBI Guidelines: बाजार नियामक सेबी (sebi) ने स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (एमआईआई) के लिए साइबर सुरक्षा को और अधिक बेहतरीन बनाने के लिए इसी साल अगस्त महीने में गाइडलाइन जारी किया था. अब इन्हें फॉलो करने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है.
सेबी ने अपनी गाइडलाइन में कहा था कि सभी एमआईआई को एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम दो बार साइबर ऑडिट कराना होगा, डेटा का एन्क्रिप्टेड और ऑफलाइन बैकअप बनाए रखना होगा, ताकि इनकी प्राइवेसी और उपलब्धता दोनों सुनिश्चित किया जा सके. सेबी ने यह भी कहा था कि एमआईआई को रैंसमवेयर हमलों का मुकाबला करने के लिए भी तैयार रहना होगा. इसके लिए ग्राउंड लेवल पर मौजूद सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता की निरंतर जांच करनी होगी.
एमआईआई क्या है
एमआईआई का काम प्रतिभूति बाजार का वह जरूरी बुनियादी ढांचा है ताकि इनका कामकाज बिना किसी रुकावट के आराम से चल सके. प्रतिभूति बाजार से मतलब उस फाइनेंशियल मार्केट से है, जहां कंपनियों के स्टॉक सहित अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग होती है.
कार्रवाई करने से पहले सेबी संगठन को देगी मौका
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड सेबी ने 31 दिसंबर को जारी सर्कुलर में अपने गाइडलाइन को लागू करने और इनके पालन की समयसीमा को बढ़ा दिया है. इसे 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाया गया है. सर्कुलर में कहा गया है कि इस दौरान अगर गाइडलाइन का पालन नहीं होता है, तो सेबी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. बशर्ते साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन फ्रेमवर्क को लागू करने की दिशा में उठाए गए सार्थक कदमों या डेवलपमेंट को दिखाने में एमआईआई सक्षम हो.
इसका अर्थ है कि संगठन को दिखाना होगा कि इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम में कमजोरियों को पहचानने या उसे दूर करने के लिए उन्होंने ठोस कदम उठाए हैं या नहीं. सेबी कार्रवाई करने से पहले एमआईआई को यह डेवलपमेंट दिखाने का मौका देगा. इसके अलावा, केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों (डीपी) के लिए भी डेडलाइन को 1 जनवरी, 2025 से बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2025 कर दिया गया है.
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