SEBI Update: शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स की सुविधा और जोखिम को कम करने करने के लिए सेबी एक और बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है. आने वाले दिनों शेयर की ट्रेडिंग करने के लिए आपको अपने ब्रोकर को फंड ट्रांसफर करने की दरकार नहीं होगी. बल्कि ट्रेडिंग के लिए जरुरी फंड आपके बैंक खाते में ही रहेगा और ब्लॉक हो जाएगा. शेयर बाजार के रेग्युलेटर ने इस नए फैसिलिटी को लागू करने से पहले स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेने के लिए कंसलटेशन पेपर जारी किया है.
ब्रोकर को फंड ट्रांसफर की दरकार नहीं!
अगर सेबी ऐसा फैसला लेता है तो शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर को फंड ट्रांसफर नहीं करना पड़ेगा. बल्कि आपके बैंक खाते में फंड पड़ा रहेगा. लेकिन जितने रकम की आप ट्रेडिंग कर रहे हैं उतना रकम खाते में ब्लॉक हो जाएगा. ये सिस्टम ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे आप किसी कंपनी के आईपीओ में आवेदन करते हैं. आईपीओ में आवेदन करने पर खाते में ही ASBA (Amount Supported By Blocked Amount) के तहत अमाउंट ब्लॉक हो जाता है. ASBA में आवेदक के बैंक खाते में अमाउंट ब्लॉक हो जाता है और इस रकम पर ब्याज भी मिलता है.
पैसे के दुरुउपयोग को रोकने में मिलेगी मदद
सेबी का मानना है कि प्रस्तावित सिस्टम से क्लाइंट्स के पैसे के दुरुउपयोग को रोकने, ब्रोकर के डिफॉल्ट करने से ट्रेडर्स की पूंजी को बचाया जा सकेगा. मौजूदा समय में कई बैंक बेस्ड ब्रोकर कस्टमर्स को 3-in-1 अकाउंट्स की सुविधा देते हैं जिसमें ट्रेडर्स कभी भी जरुरत के मुताबिक बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच फंड ट्रांसफर कर सकता है. लेकिन सेबी का मानना है कि ये भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. फंड भले ही क्लाइंट के बैंक खाते में हो लेकिन ये ब्रोकर के पक्ष में मार्क किया होता है. इससे स्टॉक ब्रोकर द्वारा फंड के दुरुउपयोग का खतरा बना रहता है.
छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा
मौजूदा समय में शेयर खरीद फरोख्त करने वाले ट्रेडर को अपने शेयर ड्रेडिंग अकाउंट में फंड का ट्रांसफर करना होता है जिसे ट्रेडिंग के लिए कोलैट्रल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल सेबी ने छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए हाल में कई कदम कदम उठाये हैं उसी कड़ी में ये भी शामिल है.
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