म्यूचुअल फंड कंपनी एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट की परेशानियां बढ़ गई हैं. बाजार नियामक सेबी ने न सिर्फ उसके खिलाफ एक पुराने मामले को दोबारा ओपन किया है, बल्कि साथ-साथ उसके ऊपर 5 लाख रुपये की पेनल्टी भी लगा दी है.


सेबी ने फिर से ओपन किया केस


बाजार नियामक ने संबंधित मामले में पहले भी एक आदेश जारी किया था, लेकिन अब उसका कहना है कि पुराने आदेश में एसेट मैनेजमेंट कंपनी का हक बहाल करने का आदेश त्रुटिपूर्ण है. नियामक ने पिछले आदेश की गलती को सही करने के लिए मामले को री-ओपन किया है और कंपनी के ऊपर 5 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई है.


एलएंडटी एएमसी के अधिग्रहण का मामला


सेबी का यह एक्शन एचएसबीसी समूह के द्वारा एलएंडटी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के किए गए अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है. एचएसबीसी ग्रुप ने पिछले साल मई महीने में एलएंडटी एसेट मैनेजमेंट कंपनी का अधिग्रहण किया था और उसे अक्टूबर 2023 में अपनी एसेट मैनेजमेंट कंपनी एचएसबीसी एएमसी के साथ मर्ज कर दिया था.


इस प्रावधान का हुआ है उल्लंघन


मौजूदा नियमों के अनुसार, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को निवेश के सभी निर्णयों को साबित करने वाले रिकॉर्ड मेनटेन रखने होते हैं. उन रिकॉर्ड में निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार डेटा, फैक्ट और ओपिनियन शामिल होते हैं. मतलब एसेट मैनेजमेंट कंपनियां जिन डेटा, फैक्ट और ओपिनियन के आधार पर निवेश के निर्णय लेती हैं, उनका रिकॉर्ड उन्हें मेनटेन रखना पड़ता है. एचएसबीसी एएमसी के द्वारा एलएंडटी एएमसी के अधिग्रहण के मामले में इसी प्रावधान से जुड़ी गड़बड़ियां पाई गई हैं.


पिछले साल समाप्त हो गया था मामला


सेबी ने मामले में 6 नवंबर 2023 को फ्रेश शो कॉज नोटिस जारी किया था. उससे पहले पिछले साल 23 अगस्त को एक आदेश में सेबी ने एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ मामले को समाप्त करते हुए कहा था कि उसके ऊपर आरोप साबित नहीं होते हैं. हालांकि अब उस आदेश को पलटा जा चुका है और कंपनी के ऊपर पेनल्टी लगाई गई है.


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