SEBI Action on IIFL: सेबी का कड़ा फैसला, IIFL सिक्योरिटीज को 2 साल के लिए नए ग्राहक जोड़ने से रोका
SEBI Action on IIFL: सेबी ने आईआईएफएल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इसे 2 साल के लिए नए कस्टमर्स को अपने साथ जोड़ने से रोक दिया है.
![SEBI Action on IIFL: सेबी का कड़ा फैसला, IIFL सिक्योरिटीज को 2 साल के लिए नए ग्राहक जोड़ने से रोका SEBI has barred IIFL Securities from onboarding any new client for a period of two years SEBI Action on IIFL: सेबी का कड़ा फैसला, IIFL सिक्योरिटीज को 2 साल के लिए नए ग्राहक जोड़ने से रोका](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/15/8e5abbdd1975b9f2724251f4764adc621686839350548267_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
SEBI Action: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने आईआईएफएल सिक्योरिटीज (पूर्व में इंडिया इन्फोलाइन लिमिटिड) को अगले 2 साल के लिए नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया है. सेबी ने ऐसा स्टॉक ब्रोकर्स के कोड ऑफ कंडक्ट के नियमों के उल्लंघन के चलते किया है. सोमवार को सेबी ने ये आदेश जारी कर दिया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच में पाया कि ब्रोकरेज कंपनी आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने इंवेस्टर्स के फंड का गलत इस्तेमाल किया था जिसके बाद सेबी ने ये फैसला लिया है.
क्यों उठाया बाजार नियामक सेबी ने ये कदम
कस्टमर्स के फंड के दुरुपयोग पर रेगुलेटर ने यह कदम उठाया है और सेबी ने अप्रैल, 2011 से जनवरी, 2017 के दौरान के लिए आईआईएफएल के खातों का कई बार (6 बार) निरीक्षण करने के बाद यह आदेश जारी किया है. अपनी जांच में सेबी ने पाया कि आईआईएफएल ने अप्रैल, 2011 से जून, 2014 तक अपने मालिकाना लेनदेन वाले शेयर कारोबार सौदों के निपटान के लिए कस्टमर्स के बचे हुए फंड का इस्तेमाल किया.
ब्रोकरेज कंपनी पाई गई दोषी-एस के मोहंती
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती ने अपने आदेश में कहा, "पूरा ब्योरा देखने के बाद मुझे यह नतीजा निकालने में कोई समस्या नहीं है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के फंड का दुरुपयोग कर सेबी के 1993 के परिपत्र के प्रावधानों का उल्लंघन किया है." इतना ही नहीं कंपनी ने क्रेडिट बैलेंस रखने वाले कस्टमर्स के फंड का इस्तेमाल खुद के लोन की जिम्मेदारियों को चुकाने के लिए किया.
आईआईएफएल ने क्लाइंट्स के फंड का गलत इस्तेमाल किया
कई सालों से सेबी की आईआईएफएल पर नजरें थीं जब सेबी ने ब्रोकरेज कंपनी के अकाउंट्स का निरीक्षण किया था और इस बात की जांच की थी कि वो नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. अपनी जांच में सेबी को पता चला कि आईआईएफएल सिक्योरिटीज अपने फंड्स और ग्राहकों के फंड को अलग-अलग नहीं कर रही है. साथ ही इसने डेबिट बैलेंस रखने वाले कस्टमर्स के फायदे के लिए क्रेडिट बैलेंस रखने वाले क्लाइंट्स के फंड का गलत इस्तेमाल किया था.
सेबी ने ये फैसला अचानक नहीं लिया है बल्कि नियामक ने साल 2011 से 2017 के दौरान आईआईएफएल को ग्राहकों के आर्थिक हितों से समझौता करने का दोषी पाया है और इसके बाद ही 2 साल के लिए नए क्लाइंट्स जोड़ने से रोकने का कड़ा फैसला लिया है.
ये भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)