इस स्टॉक ब्रोकर पर सेबी की बड़ी कार्रवाई, लगा दिया 9 लाख रुपये का जुर्माना
SEBI: सेबी ने स्टॉक ब्रोकर के तौर पर वित्तीय सर्विसेज देने वाली इस संस्था को नियमों के उल्लंघन के लिए 9 लाख रुपये जुर्माना भरने के लिए कहा.
SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक स्टॉक ब्रोकर पर कार्रवाई की है, जिसके 1100 से ज्यादा क्लाइंट्स को डिपेंडेंट बच्चों के रूप में दिखाया गया, जबकि इनकी सही उम्र 34 से 100 साल के बीच में रही. स्टॉक ब्रोकर का मतलब किसी फर्म या इंसान से है, जो एक ट्रेडिंग मेंबर के रूप में इंवेस्टर और स्टॉक एक्सचेंज के बीच मिडिलमैन का काम करता है.
हर इंवेस्टर को दिया जाता है यह कोड
स्टॉक ब्रोकर की तरफ से हर एक इंवेस्टर को एक विशिष्ट क्लाइंट कोड (यूसीसी) दिया जाता है और इनमें से हर एक का कॉन्टैक्ट डिटेल एक-दूसरे से अलग होना जरूरी है. इस कॉन्टैक्ट डिटेल का इस्तेमाल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा इंवेस्टर्स को उनके अकाउंट में हो रहे ट्रांजैक्शन के बारे में अपडेट करने के लिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित करने में मदद मिले कि उनके अकाउंट से कोई अधिकृत ट्रेडिंग नहीं की जा रही है.
सेबी की जांच में चौंकानेवाला खुलासा
एक ही परिवार के कई सदस्य जैसे कि पति-पत्नी, बच्चे या माता-पिता एक ही यूसीसी कोड शेयर कर सकते हैं. जैसे कि दो या तीन क्लाइंट्स का एक ही फोन नंबर या ईमेल आईडी वगैरह. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक स्टॉक-ब्रोकर स्टॉकहोल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड की जांच करते हुए सेबी ने पाया कि इस स्टॉक ब्रोकर ने यूसीसी जारी किए गए अपने 1,103 क्लाइंट्स को डिपेंडेंट बच्चों के रूप में दिखाया, जबकि इनकी उम्र 34 से 100 साल के बीच में रही.
सेबी ने लगाया 9 लाख रुपये का जुर्माना
7 जनवरी को सेबी ने अपने एक आदेश के तहत स्टॉकहोल्डिंग सर्विसेज को नियमों का उल्लंघन करने के लिए 9 लाख रुपये जुर्माना भरने के लिए कहा. इस उल्लंघन में डेटा जुटाते समय अधिक सावधानी नहीं बरतना, दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर बेमेल रिलेशनशिप डेटा अपलोड करना, मिसमैच्ड कॉन्टैक्ट डिटेल अपलोड करना, क्लाइंट के बजाय ऑथराइज्ड व्यक्ति का कॉन्टैक्ट डिटेल अपलोड करना और एक्सचेंजों पर क्लाइंट का गलत बैंक डिटेल अपलोड करना भी शामिल रहा.
ये भी पढ़ें:
सोना, चांदी या इक्विटी... 2025 में किस पर इंवेस्टमेंट देगा शानदार रिटर्न, एक्सपर्ट्स ने किया खुलासा