SEBI Warning: सेबी ने HDFC को जारी की चेतावनी, पढ़ें क्या है मामला
HDFC Bank: सेबी ने विनियामक निर्देशों का पालन करने के लिए HDFC बैंक को चेतावनी जारी की है. हालांकि, बैंक का कहना है कि सेबी की इस चेतावनी का उनकी सेवा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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SEBI Warning Letter to HDFC: सिक्युरिटीज एंड एक्स्चेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ने विनियामक निर्देशों का पालन न करने पर HDFC बैंक को चेतावनी जारी की है. HDFC बैंक का कहना है कि गुरुवार को एक्सचेंज फाइलिंग में सेबी ने उनके द्वारा विनियामक निर्देशों का पालन न किए जाने की बात कही है. HDFC का कहना है कि हालांकि सेबी की इस चेतावनी का उनकी सेवा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बैंक ने अपने ग्राहकों को भी सेबी की टिप्पणी से संबंधित आवश्यक सुधार किए जाने का आश्वासन दिया है.
सेबी (मर्चेंट बैंकर्स) विनियमन, 1992
सेबी का यह नियम कंपनी के आईपीओ में अहम भूमिका निभाने वाले मर्चेंट बैंकर्स के लिए है. इसके तहत मर्चेंट बैंकर्स के पंजीकरण, संचालन और जिम्मेदारियों को नियंत्रित किया जाता है. इसके मुताबिक, मर्चेंट बैंकर्स को न केवल आचार संहिता का पालन करना होगा, बल्कि हितों के टकराव से भी बचना होगा.
दरअसल, मर्चेंट बैंक के सीनियर अफसर कई बार कंपनी के आईपीओ में बोली लगाते हैं. कई बार अधिकारियों के पास उसी कंपनी के शेयर होते हैं, जिसका आईपीओ वे संभाल रहे हैं. यह हितों में टकराव का मामला है, जिसे सेबी खत्म करना चाहता है. सेबी ने मर्चेंट बैंकर्स को निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी बात कही है.
सेबी (पूंजी निर्गम और प्रकटीकरण आवश्यकताएं) विनियम, 2018
पहले हर कंपनी को सार्वजनिक निर्गम से पहले शेयर बाजारों के पास सुरक्षा जमा के रूप कुछ पैसे रखने पड़ते थे. हालांकि सेबी ने कंपनी के आईपीओ के लिए उपलब्ध निर्गम आकार का एक प्रतिशत नामित शेयर बाजार में जमा करने की आवश्यकता को खत्म कर दिया.
सेबी (अंदरूनी व्यापार निषेध) विनियम, 2015
यह विनियम म्यूचुअल फंड कंपनियों के अंदरूनी लोग, जिनमें कंपनी के अधिकारी, ट्रस्टी और उनके करीबी शामिल हैं, उन्हें प्रतिभूति बाजार में व्यापार करने से रोकता है. HDFC बैंक की गैर-बैंकिंग वित्तीय सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने 12,500 करोड़ रुपये तक के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए आवेदन किया.
इसमें HDFC बैंक द्वारा 10,000 करोड़ रुपये तक की हिस्सेदारी की बिक्री और HDB फाइनेंशियल द्वारा 2,500 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करना शामिल है. यह आईपीओ छह सालों में एचडीएफसी बैंक का पहला सार्वजनिक निर्गम है, जो नियामकीय आदेशों के अनुरूप है जिसके अनुसार बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होना आवश्यक है.
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