Share Market: बाजार नियामक सेबी (SEBI) का प्लान एक ऐसे प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने का है, जहां शेयरों की लिस्टिंग होने से पहले ही उन्हें खरीदा या बेचा जा सके. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने आज एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ''शेयरों का आवंटन शुरू होने से ट्रेडिंग शुरू होने तक निवेशकों की इनमें रूचि बनी रहती है. इस दौरान अगर इंवेस्टर्स ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो उन्हें वैध रूप से ऐसा करने का मौका देना चाहिए.'' 


लिस्टिंग से पहले आईपीओ में ट्रेडिंग 


निवेशकों को शेयर अलॉट हो जाने के बाद और स्टॉक एक्सचेंज पर इनकी लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केग में ट्रेडिंग का सिलसिला जारी रहता है. माधवी का कहना है कि ऐसी ट्रेडिंग में रूचि रखने वाले इंवेस्टर्स के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जाना चाहिए, जहां अनौपचारिक रूप से ऐसा करने के बजाय से नियमित रूप से इसे जारी रख सके.


आईपीओ शेयरों की रेगुलेटेड ट्रेडिंग


उन्होंने कार्यक्रम के दौरान हुई बातचीत में कहा कि मार्केट में ट्रेडिंग भले ही शुरू नहीं हुई हो, लेकिन आवंटन हो जाने का मतलब इंवेस्टर्स उन शेयरों का हकदार बन गया है. फिलहाल, लिस्टिंग होने तक शेयरों को डीमैट अकाउंट में फ्रीज रखा जाता है, ताकि अनलिस्टेड शेयरों की ट्रेडिंग को रोका जा सके. अब इस नए सिस्टम के तहत डीमैट अकाउंट में आईपीओ के शेयर ट्रांसफर हो जाने बाद लिस्टिंग तक इनकी ट्रेडिंग की इजाजत दी जाएगी. 


इस वजह से सेबी ने उठाया कदम


ग्रे मार्केट में अनियमित ट्रेडिंग पर नकेल कसने के लिए सेबी ने यह कदम उठाया है. पिछले कुछ सालों में आईपीओ की संख्या में तेजी देखने को मिली है. साल की शुरुआत में भी शेयर मार्केट का माहौल हलचल भरा रहा. साल के शुरुआती दो हफ्तों में शेयर मार्केट में कदम रखते हुए कई कंपनियों ने अपना आईपीओ लॉन्च किया, जबकि कतार में और भी कई कंपनियां हैं. 


क्या है ग्रे मार्केट? 


बता दें कि ग्रे मार्केट एक अनऑफिशियल और अनरेगुलेटेड मार्केट है, जहां आईपीओ लाने वाली कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री होती है. यहां ट्रेडिंग सेबी के नियमों के बाहर होती है. ऐसे में ग्रे मार्केट में आपके साथ किसी फ्रॉड की जिम्मेदारी सेबी की नहीं है. 


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