PACL Investors Refund: पीएसीएल ग्रुप की गैरकानूनी स्कीमों में निवेश करने वाले निवेशकों को अपना वापस मिलने की उम्मीद बढ़ने लगी है. सेबी की हाई पावर कमिटी ने पीएसीएल ग्रुप की गैरकानूनी स्कीमों में निवेश करने वाले निवेशकों जिनका 19,000 रुपये का क्लेम बनता है, उन्हें पैसा रिफंड पाने के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने को कहा गया है. पीएसीएल को पर्ल ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है.
सेबी के पैनल ने कहा कि ऐसे निवेशक जिनका आवेदन सफलपूर्वक वेरिफाई किया जा चुका है उनसे ऑरिजनल सर्टिफिकेट जमा कराने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा इस पैनल के अध्यक्ष हैं. उनकी निगरानी में कंपनी की प्रॉपर्टी को बेचकर वेरिफाई करने के बाद निवेशकों का पैसा वापस लौटाने की कवायद शुरू की जाएगी. निवेशकों के पैसे लौटाने के प्रोसेस की शुरुआत चरणों में पहले ही शुरू हो चुकी है.
सेबी ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पैनल का गठन किया था. सेबी के वेबसाइट पर जो बयान जारी किया गया है उसके मुताबिक कमिटी ने 17,001 से 19000 रुपये तक क्लेम करने वाले निवेशकों जिनके आवेदन को वेरिफाई किया गया है उनसे पीएसीएल के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की मांग की गई है. इन निवेशकों को एमएमएस भेजकर ऑरिजनल पीएसीएल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सबमिट करने के लिए सूचित किया जाएगा. स्टेटमेंट के मुताबिक एक अक्टूबर 2023 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक ऑरिजनल सर्टिफिकेट को स्वीकार किया जाएगा.
पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट बिजनेस के नाम पर आम लोगों से 60,000 करोड़ रुपये 18 सालों के लिए गैरकानूनी कलेक्टिव इंवेस्टमेंट स्कीम के जरिए जुटाये थे. दिसंबर 2015 में सेबी ने निवेशकों के पैसे नहीं लौटाने पर पीएसीएल के प्रेमोटर और डायरेक्टर्स के एसेट को जब्त करने का आदेश दिया था. अगस्त 2014 में सेबी ने पीएसीएल के प्रमोटर और डायरेक्टर्स को पैसा लौटाने के आदेश दिए थे. साथ ही इन्हें फौरन स्कीमों को बंद करने और आदेश जारी करने के तीन महीने के भीतर निवेशकों के पैसे लौटाने को कहा था.
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