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Share Transfer Rules: मौत के बाद आसानी से होगा शेयरों का ट्रांसफर, अभी ऐसी व्यवस्था, सेबी कर रहा बदलाव

Share Transfer on Demise: अभी किसी इन्वेस्टर की मौत हो जाने के बाद शेयरों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया जटिल है. बाजार नियामक इसे आसान बनाने की तैयारी कर रहा है...

शेयर बाजार हाल-फिलहाल में खुदरा निवेशकों के लिए नई पसंद बनकर उभरा है. पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार में पैसे लगाने वालों की संख्या कई गुना बढ़ी और उसमें बड़ा हिस्सा खुदरा निवेशकों का है. इसके साथ ही बाजार और नियामक के सामने नई समस्याएं आने लगी. एक ऐसी ही समस्या किसी इन्वेस्टर की मौत हो जाने पर उसके शेयरों के ट्रांसफर से जुड़ी है. इसके लिए बाजार नियामक सेबी अब प्रक्रिया को आसान बना रहा है.

नए साल से लागू होगा बदलाव

ईटी में छपी एक खबर के अनुसार, बाजार नियामक सेबी ने किसी इन्वेस्टर की मौत होने पर उसके शेयरों को नॉमिनी या परिजनों के नाम पर ट्रांसफर करने की रूपरेखा तैयार की है. नई व्यवस्था नए साल से अमल में आने वाली है. इस व्यवस्था के अमल में आने के बाद बाजार में पैसे लगाने वाले परिजन की मौत होने पर उनके निवेश को आसानी से क्लेम करना संभव होगा.

लंबे समय से उठ रही है मांग

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए एक केंद्रीयकृत व्यवस्था की जा रही है, जो इस पूरी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना देगा. अभी इन्वेस्टर की मौत की स्थिति में शेयरों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया जटिल है. इस कारण लंबे समय से इन्वेस्टर खासकर रिटेल सेगमेंट के इन्वेस्टर सेबी से नियमों को आसान बनाने की मांग कर रहे थे. सेबी का मानना है कि नई व्यवस्था के अमल में आने से निवेशकों की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी.

ये है ट्रांसफर की मौजूदा व्यवस्था

मौजूदा व्यवस्था में नॉमिनी को मृत व्यक्ति के डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट से ट्रांसमिशन रिक्वेस्ट फॉर्म लेना होता है. फॉर्म को भरने के बाद उसके साथ डीमैट अकाउंट होल्डर के डेथ सर्टिफिकेट को नोटरी से सत्यापित कराकर जमाना करना पड़ता है. उसके अलावा रिलेशनशिप प्रूफ, पहचान पत्र और पता जैसे डॉक्यूमेंट भी मांगे जाते हैं. अगर नॉमिनी ऐड नहीं किया गया है, तो प्रक्रिया और जटिल हो जाती है.

अब इस तरह आसान होगी प्रक्रिया

नई व्यवस्था में इसे सरल बनाया जा रहा है. नई व्यवस्था लागू होने के बाद नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को सबसे पहले मौत के बारे में सूचित करना होगा. यह स्टॉक एक्सचेंज या एक्सचेंज की केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी के माध्यम से किया जा सकेगा. उसके बाद स्टॉक ब्रोकर या पोर्टफोलियो मैनेजर जैसे इंटरमीडियरीज के माध्यम से शेयरों को नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकेगा.

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