आईपीओ और शेयरों की लिस्टिंग के मामले में जल्दी ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. बाजार नियामक आईपीओ के बाद शेयरों की लिस्टिंग की प्रक्रिया को तेज करना चाह रहा है. इसके लिए आईपीओ बंद होने के बाद लिस्टिंग में लगने वाले समय को कम करने का एक प्रस्ताव सेबी ने हाल ही में दिया है.


कंपनी और निवेशकों का फायदा


बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ बंद होने के बाद कंपनी के शेयर सूचीबद्ध होने में लगने वाले समय को कम करने का प्रस्ताव किया है. सेबी ने इस समयसीमा को छह दिन से घटाकर तीन दिन करने की बात कही है. सेबी का कहना है कि समयसीमा में प्रस्तावित कमी से आईपीओ लाने वाली कंपनी और उसे सब्सक्राइब करने वाले निवेशकों, दोनों को फायदा होगा.


3 जून तक दे सकते हैं प्रतिक्रिया


सेबी ने इसे लेकर लोगों से परामर्श भी मांगा है. सेबी के इस प्रस्ताव पर 3 जून तक प्रतिक्रियाएं दी जा सकती हैं. परामर्श पत्र में कहा गया है कि इस प्रस्ताव को खूब विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. इसके लिए बैंकों, डिपॉजिटर्स, रजिस्ट्रार, एनपीसीआई और शेयर बाजारों समेत सभी संबंधित पक्षों के साथ व्यापक बातचीत की गई है.


लगातार बदलाव कर रहा है सेबी


बाजार नियामक का कहना है कि लिस्टिंग टाइमलाइन को कम करने से आईपीओ लाने वाले पक्ष यानी कंपनी को जल्द पूंजी मिलेगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी. दूसरी ओर निवेशकों को जल्दी शेयर मिलेंगे. सेबी पिछले कुछ सालों से आईपीओ बाजार और आईपीओ की प्रक्रियाओं को लेकर लगातार बदलाव कर रहा है. सेबी पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाना चाहता है, ताकि आम इन्वेस्टर के हितों को नुकसान न पहुंचे और वे आसानी से बाजार का हिस्सा बन सकें.


नवंबर 2018 में हुए ये बदलाव


बाजार नियामक ने नवंबर 2018 में निर्गम बंद होने के छह दिनों के भीतर शेयरों को सूचीबद्ध करने की समयसीमा तय की थी. इस व्यवस्था को 'टी+6' नाम दिया गया. इसमें 'टी' आईपीओ के बंद होने का दिन है. अब इसे टी+3 करने का प्रस्ताव है. सेबी ने खुदरा निवेशकों के लिए पेमेंट करने की अतिरिक्त व्यवस्था के रूप में यूपीआई को भी उसी समय शामिल किया था.


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