Mutual Fund-PMS के अलावा सेबी निवेशकों के लिए ला रहा निवेश का नया ऑप्शन, हाई रिस्क के साथ मिलेगा हाई रिटर्न!
SEBI New Asset Class: सेबी की नजर वैसे उभरते हुए निवेशकों के निवेश की जरूरतों पर है और नया एसेट क्लास म्यूचुअल फंड और PMS के बीच की इस खाई को भरने में मदद करेगा.
SEBI Update: अब तक निवेशक वेल्थ क्रिएट करने के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (Asset Managment Companies) के माध्यम से म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश करते आए हैं या हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल (HNI) जो रिटर्न के लिए ज्यादा जोखिम लेने का माद्दा रखते हैं वे ज्यादा रिटर्न के लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (Portfolio Management Services) और अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड्स (Alternative Investment Funds) के माध्यम से निवेश करते आए हैं. शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) वैसे निवेशकों के लिए निवेश का एक नया ऑप्शन लेकर आ रहा है जो थोड़े जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न पाने की हसरत पाले हुए हैं.
निवेशकों को मिलेगा निवेश का नया विकल्प
सेबी म्यूचुअल फंड्स को नए एसेट क्लास को लॉन्च करने की इजाजत देने वाली है जो निवेशकों को निवेश का नया विकल्प प्रदान करेगा. निवेश का ये विकल्प ऐसे अमीर निवेशकों के लिए उपलब्ध होगा जो 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक निवेश करना चाहते हैं. ये निवेश लंबी अवधि के लिए इक्विटी (Long Term Equity) के साथ ईटीएफ (Exchange Traded Funds) में निवेश किया जाएगा.
सेबी ने नए एसेट क्लास को लेकर जो डिस्कशन पेपर जारी किया है उसके मुताबिक नया एसेट क्लास म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज की बीच की खाई को भरने की कोशिश करेगा जिसमें निवेशकों को ज्यादा लचीलेपन वाला रेग्यूलेटेड प्रोडक्ट ऑफर किया जाएगा जिसमें वे निवेश पर ज्यादा रिटर्न के लिए जोखिम ले सकेंगे और बड़ा रकम भी निवेश कर पायेंगे. सेबी के मुताबिक निवेश के नए ऑप्शन के चलते निवेशकों को अनरजिस्टर्ड और अनऑथराइज्ड इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में निवेश करने से रोकने में मदद मिलेगी.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के दिग्गज सेबी के इस फैसले की जमकर तारीफ कर रहे हैं. एडलवाइज म्यूचुअल फंड की एमडी-सीईओ राधिका गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आखिरकार भारत अब अलग-अलग तरह के इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स, स्टाइल और अप्रोच के लिए तैयार हो रहा है.
The new SEBI consultation paper on “New Asset Class” and creating a structure for differentiated, higher risk strategies looks very promising. A lot of details but 3 things seem clear:
— Radhika Gupta (@iRadhikaGupta) July 16, 2024
1. India is finally opening up to different investment products, styles and approaches.… pic.twitter.com/tilfEttVrO
निवेश के लिए नया एसेट क्लास
सेबी ने कंसलटेशन पेपर में कहा, पिछले कुछ वर्षों में पोर्टफोलियो कंस्ट्रक्शन में म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच एक नया एसेट क्लास तैयार हुआ है जो बड़ा अवसर लेकर आया है. ऐसे इंवेस्टमेंट ऑप्शन के ना होने के चलते निवेशक गैररजिस्टर्ड और गैरमान्यता प्राप्त निवेश की स्कीमों के झांसे में आ जाते हैं. ऐसी स्कीमें निवेशकों को हाई रिटर्न का वादा करती हैं और निवेशकों के हाई रिटर्न पाने की लालच और कमजोरी का फायदा उठाती हैं जिसमें बड़ा जोखिम है.
ऐसे में नया एसेट क्लास इस सेगमेंट के निवेशकों के लिए रेग्यूलेटेड और स्ट्रक्चर्ड इंवेस्टमेंट ऑप्शन लेकर आएगा. नए एसेट क्लास में म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच का रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल होगा और रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क ऐसे तैयार किया जाएगा जिसमें निवेशक सभी सावधानियों के साथ जोखिम को कम रखते हुए म्यूचुअल फंड्स से ज्यादा रिस्क ले सकेंगे.
कौन लॉन्च कर सकेगा नया एसेट क्लास
नए एसेट क्लास को म्यूचुअल फंड स्ट्रक्चर के तहत ही लाया जाएगा और न्यूनतम निवेश की सीमा के लिए लिमिट तय की जाएगी. नए एसेट क्लास को 3 सालों के अनुभव वाले म्यूचुअल फंड ही लॉन्च कर सकेंगे साथ ही औसतन 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा एयूएम ( Asset Under Management) होना चाहिए. साथ ही सेबी द्वारा पिछले तीन सालों में कोई कार्रवाई नहीं की गई हो.
जो म्यूचुअल फंड इस योग्यता को पूरा करने में असमर्थ हैं ऐसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को कुछ राहत दी गई है. ऐसे एएमसी को नए एसेट क्लास के लिए चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर नियुक्त करना होगा जिसके पास फंड मैनेजमेंट करने का 10 साल का अनुभव हो और 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा एसेट अंडर मैनेजमेंट को मैनेज करता रहो हो. एक अतिरिक्त फंड मैनेजर भी नए एसेट क्लास के रखना होगा जिसके पास फंड मैनेजमेंट का सात साल का अनुभव हो और 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा एयूएम मैनेज करता रहा हो. और पिछले तीन साल में सेबी की कोई कार्रवाई एएमसी के खिलाफ नहीं की गई हो.
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