IPO Irregularities: बाजार नियामक सेबी साल 2003 से 2005 के दौरान हुए आईपीओ से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में निवेशकों को बड़ी राहत देने जा रहा है. सेबी ने आईपीओ फ्रॉड के मामले में फंसे निवेशकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके जरिए करीब 15 करोड़ रुपये वापस इन्वेस्टर्स को लौटाए जाएंगे. इससे पहले भी सेबी ने कुल दो चरणों में निवेशकों के पैसे लौटाए हैं. पहले चरण अप्रैल 2010 में कुल 23.28 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस किए थे. वहीं साल 2015 में दूसरी बार सेबी ने कुल 18.06 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाए थे.


2.58 लाख निवेशकों को मिलेगा फायदा


गुरुवार यानी 24 अगस्त 2023 को इस मामले पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नोटिफिकेशन जारी करके जानकारी दी है कि कुल 2.58 लाख निवेशकों को 14.87 करोड़ रुपये वापस लौटाए जाएंगे जो आईपीओ धांधली के दौरान गलत तरीके से लिए गए थे. इन पैसों को सेबी ने वसूला है और अब इसे वापस करने के लिए प्रोसेस को शुरू कर दिया गया है.


इस नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया है कि आईपीओ में की गई धांधली के दौरान कुल 13.57 लाख निवेशकों की पहचान की गई थी जो इस फ्रॉड का शिकार हुए थे. इसमें से 10.02 लाख निवेशकों को पहले दो चरणों में पैसे वापस किए जा चुके हैं. वहीं 97,657 लोगों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है. वहीं तीसरे चरण की बात करें तो इसमें 2.58 लाख लोगों को पैसे वापस किए जाएंगे जिसकी प्रक्रिया 17 अगस्त को ही शुरू हो चुकी है. इनमें से 1.15 लाख लोगों पहले ही आंशिक भुगतान मिल भी चुका है.  


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि साल 2003 से 2005 के बीच कुल 21 आईपीओ के शेयर आवंटन के दौरान धांधली की गई थी. इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन करके जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट ने सेबी से कहा था कि वह निवेशकों की पहचान करके उनके पैसों को वापस करें. ऐसे में सेबी तीसरे चरण के जरिए कुल 2.58 लाख निवेशकों को पैसे लौटा रहा है. 


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