SEBI On IPO: टेक बेस्ड कंपनियों के IPO में निवेशकों को हुए नुकसान पर हरकत में आया सेबी, आईपीओ लाने वाली कंपनियों पर बढ़ेगी सख्ती!
SEBI Update: जोमैटो, पेटीएम, पॉलिसीबाजार, कारट्रेड जैसी कंपनियों के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर आईपीओ प्राइस से बहुत नीचे ट्रेड कर रहे हैं. इसके चलते सेबी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
![SEBI On IPO: टेक बेस्ड कंपनियों के IPO में निवेशकों को हुए नुकसान पर हरकत में आया सेबी, आईपीओ लाने वाली कंपनियों पर बढ़ेगी सख्ती! SEBI To Increase Disclosure Norms For New Age Companies Planning To Launch IPO After Criticism SEBI On IPO: टेक बेस्ड कंपनियों के IPO में निवेशकों को हुए नुकसान पर हरकत में आया सेबी, आईपीओ लाने वाली कंपनियों पर बढ़ेगी सख्ती!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/23/9b4547e71f797b6a9fea3e416ba39f9c_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
SEBI On New Age Companies IPO: टेक बेस्ड कंपनियां ( Tech Based Companies) जो आईपीओ लाने की तैयारी में हैं उनपर शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की सख्ती बढ़ने वाली है. इन कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा खुलासे रेग्युलेटर के सामने करने होंगे. सेबी इन कंपनियों के लिए डिस्क्लोजर जरुरतों ( Disclosure Requirements) को बढ़ाने की तैयारी में है. सेबी की बोर्ड बैठक 30 सितंबर, 2022 को होने वाली है जिसमें इसपर आखिरी फैसला लिया जाएगा.
करने होंगे सभी खुलासे
सेबी अपने बोर्ड बैठक में आईसीडीआर रेग्युलेशन ( Issue Of Capital And Disclosure Requirements Regulations) में संशोधन को मंजूरी दे सकती है. जिसके बाद टेक बेस्ड कंपनियां जो आईपीओ लाने की तैयारी में है उन्हें बताना होगा कि उन्होंने अपने आईपीओ लॉन्च से पहले प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में जिस भाव पर शेयर बेचे थे उसके मुकाबले आईपीओ की प्राइसिंग किस प्रकार की है. साथ ही इन कंपनियों को सभी प्रेजेंटेशन सेबी के साथ साझा करना होगा जो प्री-आईपीओ में हिस्सेदारी खरीदने वाले निवेशकों को दिखाये थे.
निवेशकों को नुकसान के बाद सेबी निशाने पर
साल 2021 में नई पीढ़ी की कई कंपनियां आईपीओ लेकर आई और इन कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. जोमैटो, पेटीएम, पॉलिसीबाजार, कारट्रेड जैसी कंपनियों के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर आईपीओ प्राइस से बहुत नीचे ट्रेड कर रहे हैं. इसके चलते सेबी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा था कि शेयर बाजार में आने वाले आईपीओ के प्राइसिंग तय करने में सेबी की कोई भूमिका नहीं है. हालांकि उन्होंने ये जरुर कहा कि कैपिटल मार्केट के सही संचालन के लिए कंपनियों को सभी प्रकार के खुलासे करने होंगे.
निवेशकों को भारी नुकसान
पिछले साल कई इंटरनेट कंपनियां आईपीओ लेकर आई जो अपने इश्यू प्राइस से काफी नीचे ट्रेड कर रही हैं. पेटीएम का आईपीओ 2150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था. लेकिन अब शेयर 695 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. पेटीएम इश्यू प्राइस से 67 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है. कार ट्रेड टेक का आईपीओ 1585 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था जो अब 645 रुपये पर ट्रेड कर रहा है यानि इश्यू प्राइस से करीब 60 फीसदी नीचे. जोमैटो का आईपीओ 76 रुपये के भाव पर आया था जो फिलहाल 65 रुपये के करीब ट्रेड कर रहा है, आईपीओ प्राइस से 18 फीसदी नीचे. पॉलिसी बाजार का इश्यू प्राइस 980 रुपये था जो अब 496 रुपये पर ट्रेड कर रहा है यानि 50 फीसदी नीचे.
ये भी पढ़ें
Rupee Fall Impact: रुपये की गिरावट का आम आदमी पर होगा बड़ा असर, जानें क्या महंगा होने के हैं आसार
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)