SEBI: इंस्टैंट सेटलमेंट के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सेबी का बड़ा कदम, 28 मार्च से लॉन्च हो रहा T+0 ट्रेड सेटलमेंट
सेबी ने दिसंबर 2023 में इंस्टैंट सेटलमेंट पर सुझाव लेने के कंसलटेंट पेपर भी जारी किया था. सेबी के मुताबिक तेज ट्रांजैक्शन ऐसे फीचर्स हैं जो निवेशकों को बेहद आकर्षित करते हैं.
SEBI Instant Settlement Update: इस महीने के आखिरी हफ्ते से शेयर बाजार में कारोबार करने वाले निवेशकों के लिए नए दौर की शुरुआत हो रही है. शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) 28 मार्च 2024 से T+0 ट्रेड सेटलमेंट साइकिल की शुरुआत करने जा रहा है जिसे इंस्टैंट सेटलमेंट (Instant Settlement) की दिशा में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. फिलहाल T+0 ट्रेड सेटलमेंट को ऑप्शनल बेसिस पर लॉन्च किया जा रहा है.
म्यूचुअल फंड की बॉडी एम्फी के कार्यक्रम के दौरान सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कहा कि कि सेबी T+0 ट्रेड सेटलमेंट साइकिल को ऑप्शनल बेसिस पर 28 मार्च से शुरू करने जा रहा है. पिछले वर्ष ही सेबी चीफ ने मार्च महीने से शेयर बाजार में ट्रेड वाले दिन ही सेटलमेंट की शुरुआत के संकेत दिए थे और उसके 12 महीने के भीतर इंस्टैंट सेटलमेंट का भरोसा दिया था. फिलहाल भारतीय बाजार में T+1 ट्रेड सेटलमेंट का प्रावधान लागू है.
सेबी ने दिसंबर 2023 इंस्टैंट सेटलमेंट पर सुझाव लेने के कंसलटेंट पेपर भी जारी किया था. कंसलटेंट पेपर्स में सेबी ने कहा था कि, आज के दौर में भरोसेमंद, लो कॉस्ट और तेजी के साथ ट्रांजैक्शन ऐसे फीचर्स हैं जो निवेशकों को बेहद आकर्षित करते हैं. ऐसे में शेयरों के खरीद-फरोख्त को लेकर सेटलमेंट समय को घटाने से निवेशकों को इस एसेट क्लास की ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
सेबी ने कहा था कि पहले फेज में T+0 सेटलमेंट साइकिल को दिन के 1.30 बजे तक के ट्रेड के लिए शुरू किया जाएगा और फंड्स और शेयरों के सेटलमेंट की प्रक्रिया को शाम 4.30 बजे तक पूरा कर लिया जाएगा. सेबी के कंसलटेंट पेपर के मुताबिक दूसरे फेज में वैकल्पिक इंस्टैंट सेटलमेंट का विकल्प मौजूद होगा जिसमें फंड्स के साथ सिक्योरिटीज दोनों की ट्रेड टू ट्रेड सेटलमेंट की जाएगी. दूसरे फेज के लागू होने के बाद पहले फेज के T+0 के ऑप्शन को बंद कर दिया जाएगा.
भारतीय शेयर मार्केट में अभी T+1 सेटलमेंट का प्रावधान है. यानि जिन दिन निवेशक कोई शेयर खरीदता या बेचता तो उसके अगले दिन डिमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट किया जाता है या फिर निवेशक के खाते में शेयर बेचने पर पैसे क्रेडिट किया जाता है. इंस्टैंट सेटलमेंट ट्रांजैक्शन के नियमों के लागू होने के बाद फौरन ट्रेड का सेटलमेंट हो जाएगा. दुनिया में बहुत कम देश हैं जहां T+1 सेटलमेंट का नियम लागू हे जिसमें भारत शामिल होने जा रहा है.
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