HDFC Bank-SEBI Update: आम आदमी अगर समय पर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरे या अपने काम या कारोबार से संबंधित कागजी प्रक्रिया में लेटलतीफी करे दे तो जुर्माना भरकर उसका काम चल जाता है. इसमें नुकसान केवल उस व्यक्ति का होता है. परंतु जब देश में प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक रेगुलेटरी कंप्लायंस भूल जाय तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. जिससे बाजार में उसकी साख गिर सकती है और अंतत: उसके निवेशकों को लेने के देने पड़ सकते हैं. ऐसा ही एचडीएफसी बैंक के साथ हुआ है. बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को सोमवार को यह सूचना दी है कि सेबी ने उसे कड़ी फटकार लगाई है. साथ ही आगे ऐसा नहीं करने की हिदायत के साथ वार्निंग लेटर जारी किया है. दरअसल, एचडीएफसी बैंक के मैनेजमेंट के प्रमुख सदस्य और मोर्गेज हेड अरविंद कपिल ने मार्च में इस्तीफा दे दिया. परंतु एचडीएफसी बैंक इसे तीन दिन तक छिपाए रखा. तीन दिनों बाद एचडीएफसी बैंक प्रबंधन ने सेबी को सूचना दी कि अरविंद कपिल ने उनके यहां से नौकरी छोड़ दी है.


एचडीएफसी ने यह भी नहीं बताया, खुलासे में देरी क्यों


सेबी की ओर से एचडीएफसी बैंक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बैंक मार्केट रेगुलेटर सेबी को इतने अहम प्रबंधक के नौकरी छोड जाने के खुलासे में देरी के कारणों को नहीं बता पाया है. सेबी ने इसे गंभीरता से लिया है. भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बाज आने की हिदायत दी है. साथ ही इस तरह की लापरवाही होने पर सेबी एक्ट 1992 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है. आगे इस तरह की लापरवाही नहीं होने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी सेबी को देने के लिए आगाह किया है. ज्ञात हो कि अरविंद कपिल ने पूनावाला फिनकॉर्प में सीईओ के रूप में नौकरी ज्वाइन कर ली है. 


HDFC  बाजार नियामक की चिंता दूर करने के लिए उठाएगा कदम


एचडीएफसी बैंक की ओर से सोमवार की शाम को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा गया है कि वह बाजार नियामक की चिंता को दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा. एचडीएफसी की ओर से लिस्टिंग रूल के इस उल्लंघन से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. बैंक को बाजार में अपनी साख बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे.


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