SEBI Employees Protest: शेयर बाजार ( Stock Market) की रेगुलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) कर्मचारियों को लेकर अपने पुराने रूख को लेकर बैकफुट पर नजर आ रही है. अपने नाराज कर्मचारियों को मनाने के लिए सेबी ने 4 सितंबर 2024 को जारी किए गए उस बयान को वापस ले लिया है जिसमें रेगुलेटर ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ नाराज कर्मचारियों के पत्र के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया था. सेबी ने अब एक नया स्टेटमेंट जारी कर कहा, उसका मानना है कि उसके कर्मचारियों ने भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट ( Indian Securities Market) को मोस्ट डायनामिक और दुनिया में सबसे बेहतर रेगुलेटेड मार्केट बनाने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. 


सेबी 4 सितंबर वाला स्टेटमेंट लिया वापस


सेबी ने 16 सितंबर 2024 को अपने नए स्टेटमेंट में कहा, रेगुलेटर कर्मचारियों से जुड़े मामलों को उचित आंतरिक मैकेनिज्म के माध्यम से हल करता है. सेबी ने बताया कि, सभी ग्रेड के ऑफिसर्स के प्रतिनिधियों के साथ कंस्ट्रक्टिव चर्चा के बाद रेगुलेटर और कर्मचारियों का मानना है कि ये सभी मुद्दे उसके आंतरिक मामले हैं और तय समय सीमा के भीतर ऑर्गनाइजेशन के गवर्नेंस के हाई स्टैंडर्ड के मुताबिक इनका समाधान निकाल लिया जाएगा. सेबी के मुताबिक, 4 सितंबर 2024 को जो प्रेस रिलीज जारी किया गया था उसे वापस लिया जाता है. 


सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया लिया जाएगा पूरा मामला  


सेबी ने कहा, कर्मचारियों ने भी आंतरिक कम्यूनिकेशन को अनाधिकृत तरीके से जारी किए जाने की निंदा की है और इन कर्मचारियों ने इस बात को दोहराया है कि सभी चिंताओं को स्थापित आंतरिक चैनलों के माध्यम से सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा. 


सेबी कर्मचारियों ने माधबी पुरी बुच के खिलाफ की थी शिकायत


सेबी के 500 के करीब कर्मचारियों ने 6 अगस्त 2024 को वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर चेयपर्सन माधबी पुरी बुच के ऊपर दफ्तर का माहौल खराब करने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इन कर्मचारियों ने अपने पत्र में लिखा कि वे दफ्तर के खराब माहौल से बेहद परेशान है. पत्र में बड़े अधिकारी के बात-बात पर चिल्लाने और कर्मचारियों को डांटते का भी आरोप लगाया गया था. सेबी के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा देती हैं. इसके बाद इन नाराज कर्मचारियों ने सेबी चीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. साथ ही इन कर्मचारियों ने सेबी के उस बयान को वापस लेने की मांग की थी जिसमें माधबी पुरी बुच के खिलाफ कर्मचारियों द्वारा वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में की गई शिकायत के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया था. 


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