भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति की शुरुआत हो रही है. आज कई भारतीय व विदेशी कंपनियां तथा स्टार्टअप भारत की इस क्रांति का हिस्सा बन रही हैं. 21वीं सदी के भारत में हर किसी के लिए अवसरों की भरमार है और भारत कभी किसी को निराश नहीं करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर फोकस्ड कार्यक्रम सेमीकॉन इंडिया 2023 के दौरान कही.


आत्मनिर्भर बनने पर भारत का है जोर


अभी के समय में कई इंडस्ट्री के लिए सेमीकंडक्टर बेहद जरूरी हो गए हैं. चाहे सड़क पर दौड़ती गाड़ियां हों या अंतरिक्ष में जाते हुए रॉकेट, घर में लगी टीवी हो या ऑफिस के काम का कम्प्यूटर... हर जगह सेमीकंडक्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है. यहां तक कि वॉशिंग मशीन और एसी जैसे घरेलू उपकरणों में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है. अभी भारत इस मामले में लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर है. यही कारण है कि केंद्र सरकार सेमीकंडक्टर के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है.


चौथी औद्योगिक क्रांति से कनेक्शन


सेमीकॉन इंडिया 2023 का आयोजन देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आयोजन के जरिए इंडस्ट्री, एक्सपर्ट और पॉलिसीमेकर्स के रिश्ते बेहतर हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वैश्विक विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है. अब भारत सबसे बेहतर गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन बना रहा है और पूरी दुनिया को उनका निर्यात कर रहा है. देश में गरीबी को तेजी से दूर किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आकांक्षाओं और चौथी औद्योगिक्र क्रांति का आपस में संबंध है.


सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को मिलेगी ये मदद


सेमीकॉन इंडिया 2023 का आयोजन गुजरात के गांधीनगर में हो रहा है. इसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री मोदी ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली मदद की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस उभरती इंडस्ट्री के लिए कुशल वर्कफोर्स तैयार करने के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत के 300 कॉलेजों में सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए अवसरों का पूरा संसार है. एक साल पहले लोग पूछते थे कि उन्हें भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करना चाहिए, और अब वे ही पूछते हैं कि भारत में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए. भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात दो सालों में बढ़कर दो गुणे से ज्यादा हुआ है.


इंडस्ट्री की हर कड़ी पर है भारत का ध्यान


सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस दौरान कहा कि भारत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के डिजाइन से लेकर विनिर्माण तक, सभी अहम कड़ियों पर जोर दे रहा है. उन्होंने कहा कि इस वजह से देश वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर रहा है. आज अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र में सेमीकंडक्टर की आवश्यकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग हर साल बढ़ रही है.


माइक्रोन के संयंत्र पर जल्द शुरू होगा काम


केंद्रीय मंत्री ने भारत में अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रोन की मेगा योजनाओं के बारे में कहा कि संयंत्र का निर्माण जल्द शुरू होगा. पीएम मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन ने भारत के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया था. कार्यक्रम में माइक्रोन टेक्नोलॉजी के प्रेसिडेंट संजय मेहरोत्रा ने कहा कि उनकी कंपनी की असेम्बलिंग व टेस्टिंग फैसिलिटी से करीब 5000 लोगों को डायरेक्ट रोजगार मिलेगा. वहीं इससे रोजगार के करीब 15 हजार अप्रत्यक्ष मौके तैयार होंगे.


सेमीकंडक्टर हब बनकर उभर रहा गुजरात


उभरती सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को देखें तो गुजरात इसके हब के रूप में उभर रहा है. कुछ समय पहले वेदांता और फॉक्सकॉन ने मिलकर गुजरात में ही संयुक्त सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने का ऐलान किया था. हालांकि अब दोनों कंपनियां संयुक्त योजना से अलग हो चुकी हैं, और अब दोनों अलग-अलग योजना पर आगे बढ़ रही हैं. अमेरिकी कंपनी माइक्रोन का प्लांट भी गुजरात में ही लग रहा है. इस बारे में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कार्यक्रम में कहा कि गुजरात में भारत का सिलिकॉल वैली बनने की क्षमता है.


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