Chip Manufacturing: आत्मनिर्भर भारत की राह में रोड़ा, चिप विनिर्माण में महसूस होगी इसकी कमी
Aatmanirbhar Bharat: आने वाले सालों में सेमीकंडक्टर बनाने वाले संयंत्रों में काम करने वाले हजारों कुशल कामगारों की जरूरत होगी, जिनकी अभी देश में कमी है...
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Semiconductor Industry: तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ चिप यानी सेमीकंडक्टर (Semiconductor) का महत्व काफी बढ़ा है. यही कारण है कि सेमीकंडक्टर के मामले में देश को आत्मनिर्भर (Aatmanirbhar Bharat) बनाने के लिए खूब प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि इस राह में एक बड़ी रुकावट सामने आ सकती है और कुछ समय के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ सकता है. एक सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
इतने हजार लोगों की जरूरत
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक प्रशांत कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल फाउंडेशन डे के मौके पर एक पैनल डिस्कशन में एक आंतरिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारत में अभी चिप विनिर्माण संयंत्रों को हैंडल करने के लिए कुशल लोग नहीं हैं, जबकि साल 2027 तक इंडस्ट्री को 10 हजार से 13 हजार ऐसे कुशल लोगों की जरूरत होगी.
अभी बाहर से आएंगे लोग
उन्होंने कहा कि भारत के पास सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर पर्याप्त संख्या में हैं, लेकिन सेमीकंडक्टर प्लांट को हैंडल करने के लिए शुरुआत में अन्य देशों से लोग बुलाने पड़ेंगे. बाद में धीरे-धीरे देश में ही संसाधन विकसित हो जाएंगे. उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सेमीकंडक्टर के विनिर्माण में रणनीतिक कार्यों को छोड़ अन्य भूमिकाओं के लिए जैसे कुशल लोग चाहिए, उनकी अभी देश में कमी है.
सरकार कर रही है ये काम
कुमार ने बताया कि सरकार चिप्स-टू-स्टार्टअप प्रोग्राम के तहत साल 2027 तक 85 हजार से ज्यादा कुशल कामगार तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसके अलावा सरकार 120 संगठनों को महंगे व अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन ऑटोमेशन मुहैया करा रही है. इन संगठनों में कॉलेज, स्टार्टअप और सरकारी संस्थान शामिल हैं. सरकार के इस कदम से विद्यार्थियों को इन अत्याधुनिक मशीनों का प्रत्यक्ष अनुभव हो रहा है.
शुरू हुआ यह ओलम्पियाड
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स ओलम्पियाड की शुरुआत की. ओलम्पियाड की शुरुआत सरकारी सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के साथ मिलकर की गई. इस ओलम्पियाड में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोजेक्ट्स के लिए स्कूलों, कॉलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थी आपस में प्रतिस्पर्धा करेंगे.
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