Senior Citizen Financial Empowerment: मौजूदा समय में तो 35 साल से कम उम्र की 65 फीसदी आबादी को लेकर ताल ठोकी जाती है. लेकिन ये स्थिति ज्यादा लंबे समय तक जारी नहीं रहने वाली है. ऐसे परिस्थिति में भविष्य को लेकर चिंता की लकीरें भी पैदा हो रही है. मौजूदा समय में भारत में 60 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों की आबादी देश की कुल आबादी का 10 फीसदी है जो करीब 104 मिलियन यानि 10.04 करोड़ बनता है. 


2050 में 4 में 1 नागरिक होगा सीनियर सिटीजन 


यूनाइटेड नेशंस पोपुलेशन फंड ( United Nations Population Fund) का अनुमान है कि 2025 तक वरिष्ठ नागरिकों की आबादी बढ़कर देश में 158 मिलियन यानि 15.8 करोड़ हो जाएगी. और 2050 तक भारत की कुल आबादी में 19.5 फीसदी आबादी, 319 मिलियन 31.5 करोड़ आबादी वरिष्ठ नागरिकों की होगी. 2050 में भारत में हर चौथा व्यक्ति सीनियर सिटीजन होगा. 


देखभाल के लिए टेक AI का हो इस्तेमाल 


नीति आयोग ने भारत में सीनियर केयर रिफॉर्म्स : रिइमैजनिंग दि सीनियर केयर पैराडिग्म  (Senior Care Reforms in India: Reimagining the Senior Care Paradigm) को लेकर को पेपर जारी किया है. इस पेपर में वरिष्ठ नागरिकों के देखभाल के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल को प्राथमिकता देने की बात कही गई है. रिपोर्ट में सीनियर सिटीजंस के देखभाल के लिए मेडिकल और सामाजिक बातों के अलावा कुछ खास और स्पेशल बातों पर ध्यान दिए जाने की आनश्कता है. नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वी के पॉल ने कहा, हमें सीनियर सिटीजंस के सामाजिक सुरक्षा के साथ उनके देखभाल और स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता के साथ सोचना होगा.  


हेल्थकेयर फाइनेंसिंग के साधन हैं सीमित 


नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे बुजुर्गों की संख्या में जोरदार बढ़ने वाली है जिन्हें जिन्हें देखभाल के साथ वित्तीय सुरक्षा की आवश्कता होगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थकेयर फाइनेंसिंग बहुत सीमित है. रिपोर्ट के मुताबिक 60 साल से ज्यादा आयु के केवल 18 फीसदी वरिष्ठ नागरिक हैं जिनके पास हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा है. सरकार अपनी योजनाओं के जरिए वरिष्ठ नागरिकों को सब्सिडी प्रदान करती है लेकिन उसका कवरेज सीमित है. आयुष्मान भारत स्कीम सीमित आय वाले सभी वरिष्ठ नागरिकों को कवर करता है लेकिन इसका इस्तेमाल बेहद सीमित है. प्राइवेट सेक्टर में वरिष्ठ नागरिकों का इंश्योरेंस कवर बेहद खराब है.


होम बेस्ड केयर से घट सकता है इलाज का खर्च 


रिपोर्ट के मुताबिक 75 फीसदी से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे में भारत में होम बेस्ड केयर मार्केट की अपार संभावनाएं हैं. 2020 में होमकेयर मार्केट 50,840 करोड़ रुपये का था उसके 2027 में बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. होम हेल्थकेयर मार्केट से इंफास्ट्रक्चर और ऑपरेशनल कॉस्ट के मामले में अस्पतालों में उसी बीमारी के इलाज पर होने वाले खर्च के मुकाबले 15 से 30 फीसदी तक की कमी आ सकती है. कोविड-19 के बाद होम-बेस्ड केयर मार्केट की संभावनाएं बढ़ी है.  


बुजुर्गों के लिए लॉन्च हो स्पेशल सेविंग प्लान 


रिपोर्ट के मुताबिक सीनियर सिटीजंस के वित्तीय सशक्तिकरण के साथ उनके रिस्किलिंग के लिए कदम उठाये जाने की जरुरत है. उनके लिए पब्लिक फंड के ज्यादा कवरेज के साथ, इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा अफोर्डिंग सेगमेंट के लिए मैनडेटरी सेविंग्स प्लान लॉन्च किए जाने की आवश्यकता है. सीनियर सिटीजंस के ज्यागा नगदी उपलब्ध कराने के लिए रिवर्स मोर्टगेज मैजेनिज्म की सुविधा शुरु किया जाना चाहिए. साथ ही सीनियर सिटीजंस पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सीनियर केयर प्रोडक्ट्स के ज्यादा इस्तेमाल बढ़ाने के लिए टैक्स और जीएसटी रिफॉर्म्स अपनाया जाना चाहिए. रिपोर्ट में सीनियर सिटीजंस को फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाने के लिए उन्हें जागरुक करने के साथ साक्षर करने की भी बात कही गई है.  


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