Tax Saver FD Interest Taxable : आज महंगाई के दौर में हर व्यक्ति को अपने रिटायरमेंट के बारे में पहले से ही कुछ प्लान करने की जरूरत पड़ती है. साथ ही वो सरकार और प्राइवेट सेक्टर की रिटायरमेंट पॉलिसी को लेकर प्लान करते है. जैसे-तैसे आप आदमी अपनी कमाई से कुछ पैसा जोड़कर अपना प्लान अच्छे से भरता है और अपने रिटायरमेंट के बाद उसका फायदा ले पाता है. इस खबर में आपको सीनियर सिटीजन को टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit) पर मिलने वाली ब्याज के बारे में बताने जा रहे है. जो आपके काम आ सकती है.
पहली पसंद है एफडी
आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के अनुसार सीनियर सिटीजन ब्याज और प्रॉफिट कमाने के लिए टैक्स सेवर एफडी (Tax Saver FD) कराना उनकी पहली पसंद हैं. ऐसे में ये नई टैक्स सेविंग एफडी उनके रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा करने का एक बेहतर विकल्प है.
क्या है नियम
यदि आप की उम्र 60 साल से अधिक है, तो आप इनकम टैक्स सेवर फिक्स डिपॉजिट का लाभ ले सकते है. इस तरह की फिक्स डिपॉजिट स्कीम में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80-C के तहत, आप एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. साथ ही आप सेक्शन 80-TTB के तहत टैक्स सेविंग एफडी पर जमा हुई ब्याज रकम में से 50,000 रुपये तक की कटौती करा सकते हैं. एफीडी में निवेशक को यह सुविधा नहीं मिलती है.
ये मिलेगा फायदा
किसी भी प्राइवेट या सरकारी बैंक में टैक्स-सेवर एफडी अकाउंट खुलवाया जा सकता है. इन एफड़ी अकाउंट को निवेशक इंडिविजुअल और जॉइंट रूप से खोला जा सकता हैं. ऐसे निवेशों में नॉमिनी को जोड़ा जाता है. टैक्स-सेविंग एफडी अकाउंट शुरू करने के लिए न्यूनतम डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत होती है. निवेशक को अपना पैसा निवेश करने से पहले बैंक के साथ सभी नियमों, एक्सट्रा फीस और टैक्स की रकम को लेकर बात करनी चाहिए.
इन शर्तों का रखें ध्यान
इन टैक्स सेवर एफडी में निवेश की गई राशि का 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इसमें निवेशक को वित्तीय अनुशासन का पालन जरूर कराना है, जिससे निवेशक समय से पहले ही एफडी को न तुड़वा ले. इन टैक्स सेवर एफडी को खोलना अब काफी आसान हो गया है.
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