केंद्र सरकार की कंपनियों में काम करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों को जल्दी ही डबल सैलरी का तोहफा मिल सकता है. सरकार इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है. यह प्रस्ताव निजी कंपनियों के वरिष्ठ कार्यकारियों की तुलना में सरकारी कंपनियों के वरिष्ठ कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी के अंतर को लेकर है.
प्राइवेट सेक्टर से बराबरी करने का लक्ष्य
ईटी की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि प्रस्ताव पर अमल होने के बाद संबंधित कंपनियों के टॉप कर्मचारियों की सैलरी में 100 फीसदी तक इजाफा हो सकता है. दरअसल सरकारी कंपनियों में काम करने वाले टॉप एक्जीक्यूटिव निजी क्षेत्र के अपने समकक्षों की तुलना में कम भुगतान पाते हैं. ऐसे में शीर्ष स्तर पर एक्जीक्यूटिव का पलायन होता है. सरकार को मिला प्रस्ताव सरकारी कंपनियों के साथ टॉप टैलेंट को जोड़कर रखने के लिए है.
परफॉर्मेंस के हिसाब से बढ़ेगी सैलरी
यह प्रस्ताव उन सीपीएसई यानी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए है, जिनका टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है. हालांकि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली सरकारी कंपनियों के शीर्ष कर्मचारियों की सैलरी में हाइक कई बातों पर निर्भर करेगी. सैलरी में हाइक परफॉर्मेंस पर बेस्ड होगी और उसका निर्धारण करने में एसेट मनीटाइजेशन, प्रोजेक्ट को पूरा करने की स्पीड, प्रॉफिट जैसे पैरामीटर्स को ध्यान में रखा जाएगा.
पब्लिक एंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड का सुझाव
अधिकारियों का कहना है कि पब्लिक एंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड से मिले प्रस्ताव में भी कंपनसेशन बढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया है. बोर्ड का कहना है कि लीडरशिप पोजिशन के लिए कैंडिडेट खोजने में उसके सामने मुश्किलें आती हैं. उन्हें दूर करने के लिए सरकारी कंपनियों के शीर्ष पदों के लिए कंपनसेशन को बढ़ाए जाने की जरूरत है. पीएसईबी के अनुसार, पैकेज उतने आकर्षक होने चाहिए कि उससे सही उम्मीदवार आकर्षित हो पाएं.
बजट से पहले कैबिनेट कमिटी के पास जाएगा प्रस्ताव
संबंधित प्रस्ताव को बजट पेश होने से पहले आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी के पास भेजा जा सकता है. उसके बाद कैबिनेट कमिटी प्रस्ताव के ऊपर विचार करेगी. वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट इसी महीने पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. चुनावी साल के चलते उस समय अंतरिम बजट आया था. अब पूर्ण बजट आने वाला है.
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