सेंसेक्स 36 हजार, निफ्टी 11 हजार के पार, निवेशकों की पूंजी 1 लाख करोड़ रु से ज्यादा बढ़ी
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 342 प्वाइंट की तेजी के बाद 36140 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 118 प्वाइंट की तेजी के साथ 11084 पर बंद हुआ.
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नई दिल्लीः स्विटजरलैंड के शहर दावोस की सर्द हवाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जतायी उम्मीदों ने घरेलू शेयर बाजार में जबरदस्त गरमी ला दी. नतीजा पहली बार बांबे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 36 हजार के पार और निफ्टी 11 हजार के पार बंद हुआ. दूसरी ओर एक ही दिन में निवेशकों की पूंजी की कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा बढ़ी.
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 342 प्वाइंट की तेजी के बाद 36140 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 118 प्वाइंट की तेजी के साथ 11084 पर बंद हुआ. वैसे तो बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिली, लेकिन खास तौर पर मेटल, बैंकिंग, आईटी, फार्मा, कैपिटल गुड्स और ऑयल एंड गैस शेयरों में निवेशकों की खासी दिलचस्पी थी. हालांकि मीडिया और कंज्यूमर ड्युरेबल्स शेयरों में दबाव देखने को मिला.
बाजार में मंगलवार को आयी तेजी की तीन बड़ी वजहें रही:
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2018 के दौरान भारत की विकास दर 7.4 फीसदी रहने की बात कही गयी है जबकि चीन के लिए ये दर 6.8 फीसदी रहने की बात कही गयी है. यही नहीं भारत की विकास तमाम विकासशील देशो में सबसे तेज रहने का अनुमान जताया गया है.
- विश्व आर्थिक मंच की बैठक के ऐन पहले दुनिया की चुनिंदा कंपनियों के बीच कराए गए सर्वे में निवेश के लिहाज से भारत अमेरिका, चीन, जर्मनी और ब्रिटेन के बाद पांचवा सबसे पसंदीदा देश है.
- अब इस बात की उम्मीद कम ही है कि सरकारी खजाने के घाटे यानी फिस्कल डेफिसिट 3.2 फीसदी के बजटीय लक्ष्य से ज्यादा होगा.
यहां ये बात भी गौर करने की है कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार मे ये भी संकेत दे दिए कि आम बजट लोकलुभावन नही होगा. इससे भी विदेशी निवेशकों के बीच भरोसे का माहौल बना और उन्होंने भारतीय बाजार के प्रति भरोसा दिखाया है. इन्ही सब का नतीजा ये हुआ कि शेयर बाजार लगातार नयी ऊंचाइयों को छू रहा है. हालांकि एक धारणा ये भी है कि बाजार के तेजी से नीचे आने का भी खतरा है.
जानकारों की मानें तो बाजार में तेजी का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है और अगर बजट में शेयरों की खरीद-बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स के नियमों में कोई फेरबदल नही हुआ तो इसका बाजार पर अच्छा असर पड़ेगा. हालांकि उनका कहना है कि तेजी के इस माहौल में छोटे निवेशको को सीधे-सीधे शेयर खरीदने से बचना चाहिए. उनके लिए म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी किश्तों में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा.
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