कोरोना वैक्सीन की बढ़ती उम्मीदों, अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए भारत और विकसित देशों में दिए जा रहे राहत पैकेजों और इकनॉमी में आ रही रिकवरी को देखते हुए शेयर बाजार को पंख लग गए हैं. इस तेजी पर सवार शेयर बाजार ने बुधवार को 46000 से ऊपर का आंकड़ा छू लिया. यह इंडेक्स 4200 प्वाइंट यानी लगभग दस फीसदी उछल गया, वहीं निफ्टी में भी 495 प्वाइंट की बढ़त हासिल हुई और यह 46,103.50 के रिकार्ड हाई पर पहुंच गया. रुपये में भी मजबूती आई. ये सारी स्थिति बाजार की मजबूती बता रही है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह निवेशकों के प्रॉफिट बुकिंग का समय है या फिर निवेश करने का?
क्या है बाजार में रफ्तार की वजह ?
दरअसल इस वक्त बाजार को जो चीजें रफ्तार दे रही हैं. इनमें घरेलू अर्थव्यवस्था का सितंबर-अक्टूबर से रिकवरी की ओर लौटना, अमेरिकी चुनाव के नतीजे और कोरोना वैक्सीन के सफल ट्रायल शामिल हैं. इस वक्त वर्ल्ड मार्केट में भारी लिक्विडिटी है और इस वजह से एफपीआई की ओर से भारतीय शेयर बाजार में काफी पैसा आ रहा है.
इस दौर में क्या करें निवेशक?
अब सवाल है कि शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए. क्या वे इस तेजी में बेच कर निकल जाएं, या फिर नए जोश से निवेश करना शुरू कर दें. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर निवेशक को अभी पैसे की जरूरत है और घर या कार जैसी कोई वित्तीय जरूरत पूरी करनी हो या बच्चों के एजुकेशन के लिए फंड की जरूरत है तो प्रॉफिट बुक कर सकते हैं क्योंकि अभी उनके शेयरों को सर्वोच्च मूल्य मूल रहा है.
जो लोग एक-दो साल में रिटायर होने वाले हैं वे भी कुछ प्रॉफिट बुकिंग कर सकते हैं लेकिन उन्हें अपना पैसा सेफ डेट फंड में सुरक्षित रख देना चाहिए. अगर आपके पास कोई सीधी जरूरत नहीं है तो प्रॉफिट बुकिंग की कोई जरूरत नहीं क्योंकि आपको पता नहीं होगा इसे दोबारा कहां निवेश करना है. इस समय शेयरों की कीमत अच्छी चल रही है. डेट औैर रियल एस्टेट का रिटर्न इसके मुकाबले काफी खराब स्थिति में है. जो निवेशक हैं उन्हें एक्सपर्ट्स की यही सलाह है के वे एकमु्श्त इनवेस्टमेंट न करें. इसके बदले एसआईपी को तवज्जो दें.
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