मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के प्रदर्शन को दिखाने वाले इंडिकेटर पीएमआई में गिरावट के बाद सर्विस सेक्टर की हालत भी खराब दिख रही है. कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियों को पहुंची चोट की वजह से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ भी बहुत धीमी है.  सर्विस सेक्टर की गतिविधियों को दिखाने वाले IHS Markit India services business activity index जून में 33.17 पर रहा. यह मई के 12.6 के मुकाबले काफी ज्यादा है लेकिन लगातार चौथे महीने यह 50 से नीचे है. इंडेक्स में 50 से ज्यादा का स्कोर बिजनेस में विस्तार को दिखाता है. इसका मतलब यह है कि सर्विस सेक्टर का बिजनेस नहीं बढ़ रहा है.े


कोरोनावायरस ने सर्विस सेक्टर की कमर तोड़ी 


हालांकि मई और जून के आंकड़ों से देखने से लगता है  कि सर्विस सेक्टर का बिजनेस अपने पांव पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा है. अभी इसमें विस्तार नहीं हो पा रहा है.IHS Markit के इकनॉमिस्ट जो हेयस ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है. इसका असर सर्विस सेक्टर पर दिख रहा है. हेयस  के मुताबिक सीधे शब्दों में कहा जाए तो देश की इकनॉमी कोरोनावायरस की  वजह से ढलान पर है. ऐसे में सर्विस सेक्टर पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि अगर कोरोनावायरस संक्रमण को काबू नहीं किया गया तो कारोबार पर इसका असर दूसरी छमाही में भी रहेगा.


हेयस ने कहा कि सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में कंपनियों ने अपनी गतिविधियों में गिरावट का जिक्र किया. कंपनियों ने कहा कि उनकी ऑर्डर बुकिंग में काफी कमी आई है. इससे साफ हो गया है कि घरेलू बाजार में चैलेंज काफी बढ़ गया है.मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की हालत भी खराब है. लॉकडाउन की वजह से बड़े पैमाने पर उद्योग बंद रहे. इसके चलते मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों पर अप्रैल में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. पिछले ढाई साल में नए ऑर्डरों में पहली बार गिरावट रही. यह पिछले 15 साल में आयी सबसे तेज गिरावट है.