जनवरी में सर्विस सेक्टर की विकास दर तीन महीने के उच्चस्तर पर
जनवरी में सूचकांक लगातार दूसरे महीने 50 के स्तर से ऊपर रहा. नवंबर में सूचकांक 48.5 पर था. जून 2017 के बाद यह सबसे मजबूत है.
नई दिल्लीः देश में सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में साल के पहले महीने यानी जनवरी में तेजी बनी रही. एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नये कारोबारी ऑर्डरों में बढ़त के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियां तीन महीने में सबसे तेज रही. हालाकि दिसंबर से गतिविधियों और रोजगार में तेजी रहने के बावजूद यह संबंधित लॉन्ग टर्म के सर्वे के औसत से कम है.
सर्वेक्षण के मुताबिक, निक्की सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जनवरी में सुधरकर 51.7 रहा है, जो दिसंबर में 50.9 था. जनवरी में सूचकांक लगातार दूसरे महीने 50 के स्तर से ऊपर रहा. नवंबर में सूचकांक 48.5 पर था. जून 2017 के बाद यह सबसे मजबूत है. साथ ही मांग में भी सुधार देखा गया है."
भारतीय सर्विस प्रोवाइडर्स ने जनवरी में लगातार पांचवें महीने पिछले के पेंडिंग पड़े कामों और नए कारोबारी आर्डरों के मद्देनजर कार्यबल में विस्तार किया है. इसके अलावा, सितंबर के बाद से रोजगार सृजन की दर सबसे ज्यादा रही. कीमत के मोर्चे सर्विस सेक्टर में इनपुट लागत महंगाई के ऐतिहासिक मानकों से कमजोर रही. हालांकि, सर्विस प्रोवाइडर्स लागत के बोझ का अधिक से अधिक अनुपात ग्राहको पर डालने में सक्षम थे.
रोजगार के मोर्चे पर नौकरियों के लिए साढ़े छह साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा मजबूत साल रहा, लेकिन कंपनियों को समय पर पेमेंट पाने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है. अभी भी जीएसटी कारोबार के लिये प्रमुख बाधा बना हुआ है और वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की तुलना में सेवा क्षेत्र पिछड़ा रहा.’’ आगे चलकर देश की सेवा क्षेत्र की कंपनियां आशान्वित हैं. अगले 12 माह के दौरान गतिविधियों को लेकर उन्हें उम्मीदें बनी हुई हैं. इसके अलावा, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर दिसंबर के 60 महीने के उच्च स्तर से नीचे रही.