नई दिल्ली: कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और बड़ा ऐलान किया है. अब 2,000 रुपये तक की कोई वस्तु या सर्विस का पेमेंट अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करने पर आपको सर्विस टैक्स नहीं देना होगा. फिलहाल तक आप इन ट्रांजेक्शन पर 15 फीसदी सर्विस टैक्स देते रहे हैं. ये नया नियम आज यानी गुरुवार से तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. यह ऐलान कैशलेस इकॉनमी यानी नकदीरहित लेन-देन की कड़ी में उठाया कदम है. इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से संसद में एक अधिसूचित प्रस्ताव पेश किया गया है.


पीएम नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद बाद कैश संकट को देखते हुए सरकार ने 31 दिसंबर तक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर सर्विस चार्ज नहीं लगाने का ऐलान किया था. डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेन-देन पर किसी प्रकार का सर्विस टैक्स नहीं लगाने का फैसला 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. फिलहाल सरकार ने कहा कि देश में बैंकों की ओर से 31 मार्च तक करीब 10 लाख अतिरिक्त पीओएस टर्मिनल लगाये जायेंगे.


500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के बाद से बैंकों और एटीएम से कैश निकालने में भारी परेशानी हो रही है. लोगों की इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेन-देन को सर्विस टैक्स फ्री करने का फैसला किया है. सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसे पेटीएम से भुगतान की सीमा भी बढ़ाई. ई वॉलेट से पेमेंट की सीमा 10 हजार से 20 हजार रुपए की जा चुकी है.


निश्चित तौर पर सरकार के इस कदम से देश में कैशलेस डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा.