India Services PMI: मार्च में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई है. फरवरी में सर्विसेज पीएमआई 59.4 पर था जो मार्च में घट कर 57.8 के स्तर पर आ गया है. देश के प्रमुख सेवा क्षेत्र के उद्योगों की गतिविधियों में मार्च के दौरान सुस्ती देखी गई. फरवरी में सर्विसेज सेक्टर की मांग में विस्तार से सर्विसेज पीएमआई 12 साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर 59.4 पर पहुंच गई थी.
फरवरी में सर्विसेज पीएमआई का यह स्तर सितंबर 2020 के बाद सबसे निम्नतम स्तर है. हालांकि, यह अब भी 50 के मार्क से ऊपर है जो बताता है कि इसमें ग्रोथ है संकुचन की स्थिति नहीं है.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस में ईकॉनोमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लिमा ने बताया कि भारत के सर्विस सेक्टर में फरवरी में तेजी देखी गई जो नए बिजनेस और आउटपुट की बदौलत थी. देश में सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर लागत की कीमतों का दवाब कम रहा, ऐसा ही रुझान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भी देखा गया. यही वजह है कि लागत कीमत की वास्तविक महंगाई दर ढाई साल के निम्न स्तर पर देखी गई.
इस हफ्ते जारी हुए मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े बताते हैं कि विनिर्माण गतिविधियों में मार्च में समाप्त हुई तिमाही के दौरान काफी तेजी से विस्तार हुआ है. हालांकि, सर्विसेज सेक्टर में सुस्ती से कंपोजिट इंडंक्स फरवरी के 59 प्रतिशत से घटकर मार्च में 58.4 के स्तर पर आ गया.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस के सर्वे के अनुसार, लगातार 10 महीने की बढ़ोतरी के बावजूद सेवा क्षेत्र में मार्च के दौरान रोजगार में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 98 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि मौजूदा जरूरतों के हिसाग से अभी कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है और नई नौकरियों में मामूली वृद्धि ही दर्ज की गई है. हालांकि, सर्विस प्रोवाइडर्स का कहना है कि इस साल आने वाले समय में सेवा क्षेत्र में विस्तार की पूरी उम्मीद है.
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