BCCI: एडटेक कंपनी बायजू के सामने आया बड़ा संकट फिलहाल टल गया है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने बीसीसीआई और बायजू के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही कंपनी के खिलाफ शुरू हुई दिवालिया प्रक्रिया भी खत्म हो गई है. इस मामले में एक अमेरिकी फाइनेंशियल क्रेडिटर ने बायजू (Byju) पर चोरी के पैसों से बीसीसीआई (BCCI) को भुगतान करने का आरोप लगाया था. हालांकि, NCLAT ने इस तर्क को मानने से इंकार करते हुए कहा कि बीसीसीआई को यह भुगतान बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) के भाई रिजू रविंद्रन (Riju Raveendran) ने अपने पैसों से किया है. 


बीसीसीआई और बायजू के बीच पेमेंट पर हुआ समझौता 


बीसीसीआई ने NCLAT को जानकारी दी थी कि उनके और बायजू रविंद्रन के बीच 158 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर समझौता हो चुका है. इसके बाद शुक्रवार को NCLAT ने इस सेटलमेंट को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न (Think and Learn) के दिवालिया होने का संकट खत्म हो गया है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश पर बायजू के खिलाफ पिछले महीने दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई थी. साथ ही इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) की नियुक्ति भी कर दी गई थी. 


रिजू रविंद्रन ने अपने पैसों से कर दिया भुगतान 


कई तरह के संकटों का सामना कर रही बायजू इस मुसीबत के चलते बुरी तरह फंस गई थी. निवेशकों के साथ विवाद, अमेरिका में कानूनी झगड़े और कैश संकट के चलते कंपनी की कमर टूटी हुई थी. उधर, बीसीसीआई द्वारा किए गए केस में वह बुरी तरह फंस गई थी. बीसीसीआई ने कहा था कि कंपनी ने टीम इंडिया की जर्सी स्पांसर करने का पैसा नहीं दिया है. हालांकि, रिजू रविंद्रन ने 50 करोड़ रुपये का भुगतान कर मामले को संभाल लिया. उन्होंने अभी 2 किस्तों में बीसीसीआई को पैसा देना है. 


अमेरिकी क्रेडिटर के आरोपों को मानने से इंकार 


उधर, ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी (GLAS Trust Company LLC) ने NCLAT से कहा था कि बायजू रविंद्रन और रिजू रविंद्रन ने अमेरिका से लगभग 500 करोड़ रुपये गायब किए थे. उसी पैसे से यह भुगतान किया जा रहा है. मगर, बीसीसीआई ने स्पष्ट किया था कि वह कभी भी अवैध पैसे को नहीं स्वीकारते हैं. अमेरिकी क्रेडिटर के आरोप आशंकाओं पर टिके हैं. इसके बाद NCLAT ने इस सेटलमेंट को मंजूरी दे दी.


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