देश की कई बड़ी बीमा कंपनियां टैक्स चोरी को लेकर चल रही एक जांच के दायरे में आ गई हैं. उनमें आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का भी नाम शामिल है. मामले की जांच कर रहे जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय यानी डीजीजीआई ने टैक्स चोरी को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में 6 बीमा कंपनियों को 3000 करोड़ रुपये के नोटिस भेजे हैं.


3000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड


ईटी में छपी एक खबर के अनुसार, इन बीमा कंपनियों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया है, जबकि उन्हें को-इंश्योरेंस कंपनियों से कमिशन मिले हैं. इसे लेकर डीजीआईआई ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड समेत 6 बीमा कंपनियों को करीब 3000 करोड़ रुपये के नोटिस भेजा है.


ब्याज-जुर्माने के बाद बढ़ सकती है डिमांड


खबर में जीएसटी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि जिन बीमा कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं, उन्होंने री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर को-इंश्योरेंस कंपनियों से कमिशन वसूला, लेकिन जीएसटी का भुगतान नहीं किया. हालांकि अधिकारी ने किसी कंपनी का नाम नहीं बताया, लेकिन उन्होंने बताया कि भेजे गए नोटिस करीब 3000 करोड़ रुपये के हैं. ब्याज और जुर्माना जोड़ने पर नोटिस की रकम बढ़ सकती है.


आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने बताई ये बात


दूसरी ओर प्रमुख बीमा कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने जीएसटी चोरी को लेकर मिले नोटिस के बारे में खुद ही शेयर बाजारों को जानकारी दी है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने बताया है कि उसे 1,729 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला है. कंपनी ने बताया है कि यह नोटिस जुलाई 2017 से मार्च 2022 के दौरान मिले री-इंश्योरेंस प्रीमियम को लेकर है. कंपनी डीजीजीआई से मिले कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर रही है.


एलआईसी को मिला इतने करोड़ का नोटिस


इससे पहले सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी भी जीएसटी जांच के दायरे में आई थी. एलआईसी समेत कई बीमा कंपनियां पहले से इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर जांच का सामना कर रही हैं. इसे लेकर एलआईसी को पिछले सप्ताह 290 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया था, जिसमें ब्याज और जुर्माना शामिल था. एलआईसी के ऊपर प्राप्त प्रीमियम पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स नहीं करने का आरोप है.


फर्जी आईटीसी क्लेम करने का आरोप


प्रीमियम पर आईटीसी रिवर्स नहीं करने के चलते कई बीमा कंपनियां टैक्स अधिकारियों के निशाने पर हैं. टैक्स अधिकारियों का ये भी कहना है कि कई बीमा कंपनियों ने इंटरमीडियरिज और एजेंट से मिले फर्जी बिल के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया है. इसे लेकर डीजीजीआई के मुंबई, गाजियाबाद, बेंगलुरू ऑफिस में जांच चल रही है.


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