Share Market Crash: गुरुवार के नेशनल हॉलिडे की छुट्टी के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के चलते बाजार का मूड बिगड़ गया है जिसके चलते जबरदस्त मुनाफावसूली देखी जा रही है. आइए बाजार में आज के गिरावट के 10 बड़े हाईलाइट्स पर नजर डालते हैं. 


1. भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को खुला बाजार में जोर की गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 60,000 अंकों के नीचे जा फिसला है. बीएसई सेंसेक्स में 2 फीसदी या 1100 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.  फिलहाल सेंसेक्स 1055 अंकों की गिरावट के साथ 59149 अंकों पर ट्रेड कर रहा है. 


2. नेशनल स्टॉक्स इंडेक्स का निफ्टी 300 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है. एनएसई का निफ्टी 323 अंकों या 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ 17,566 पर ट्रेड कर रहा है. पिछले सेशन में निफ्टी 17892 पर क्लोज हुआ था. 


3. बाजार में गिरावट की वजह अडानी समूह के स्टॉक्स में गिरावट है. अमेरिका के हिंडेंनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के स्टॉक्स में शॉर्ट करने के रिपोर्ट के बाद बुधवार से ही अडानी समूह के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. शुक्रवार को समूह के स्टॉक्स में गिरावट का सिलसिला जारी रहा है.


3. अडानी समूह के स्टॉक्स पर नजर डालें तो अडानी ट्रांसमिशन के शेयर में 20 फीसदी की गिरावट है.  अडानी टोटल गैस का शेयर भी 20 फीसदी गिरा हुआ है. अडानी ग्रीन एनर्जी का स्टॉक्स भी 20 फीसदी की गिरा हुआ है. इसके अलावा अडानी समूह के दूसरे स्टॉक्स अडानी पावर और अडानी विल्मर में भी 5 फीसदी की गिरावट है और दोनों शेयरों में लोअर सर्किट लगा हुआ है. 


4. अडानी पोर्ट्स के शेयर एक समय 25 फीसदी तक जा लुढ़का था जो अब निचले स्तर से थोड़ा रिकवर किया है और अब शेयर 15.16 फीसदी की गिरावट के साथ 605 रुपये पर कारोबार कर रहा है. अडानी समूह के दूसरे स्टॉक्स एनडीटीवी में 5 फीसदी की गिरावट के बाद लोअर सर्किट लगा है. अंबुजा सीमेंट 15.99 फीसदी और एसीसी 14.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. 


5. अगले हफ्ते मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल का पांचवा और आखिरी आम बजट एक फरवरी 2023 को पेश करेगी. बाजार को उम्मीद है कि सरकार वैश्विक हालात को देखने हुए आधारभूत ढांचे की मजबूती पर ज्यादा खर्च करेगी और अपने घाटे को कम करेगी. अगर बजट बाजार की उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतरा तो गिरावट बढ़ सकती है. इसलिए बाजार में अभी से डर का माहौल है जिससे गिरावट बढ़ी हुई है. 


6. संयुक्त राष्ट्र ने 2023 कैलेंडर वर्ष में भारत के विकास दर के अनुमान को घटा दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने अपने अनुमान में 2023 में 5.8 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया है. जबकि 2022 में जीडीपी में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. 


7. विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं. कई जानकार मानते हैं कि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन महंगा हो चुका है इसलिए निवेशक भारत से पैसे निकालकर सस्ता हो चुके चीन में निवेश कर रहे हैं. लॉकडाउन को लेकर लगाए गए बंदिशों को चीन वापस ले रहा है. जिससे वहां पर आर्थिक रिकवरी तेज हो सकती है. ऐसे में निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. 


8. अमेरिका में अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान आर्थिक विकास दर 2.9 फीसदी रहा है जो उम्मीद से बेहतर है. अर्थशात्रियों का मानना था कि जीडीपी 2.3 फीसदी रह सकता है. इसका अर्थ ये है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक अपने मॉनिटरी पॉलिसी को सख्त रखने के रूख को आगे भी बरकरार रख सकता है. यानि फेड ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला जारी रख सकता है. 


9. कई देसी कंपनियों के तिमाही नतीजे निराश करने वाले रहे हैं. इसके चलते भी भारतीय बाजारों में गिरावट है. कंपनियों के निराश करने वाले नतीजों ने बाजार का मूड बिगाड़ रखा है. खराब नतीजों के चलते डिक्शन टेक्नोलॉजी का शेयर 20 फीसदी तक नीचे जा लुढ़का है.  


10. बैंकिंग स्टॉक्स में बड़ी गिरावट के चलते बैंक निफ्टी में जबरदस्त गिरावट है जिसके चलते शेयर बाजार में ये बड़ी गिरावट देखी जा रही है. बैंक निफ्टी 3.30 फीसदी यानि 1413 अंकों की गिरावट के साथ 40229 अंकों पर कारोबार कर रहा है. पीएसयू बैंकों के इंडेक्स में भी गिरावट है. बैंक निफ्टी के सभी स्टॉक्स और पीएसयू बैंकों के इंडेक्स के सभी शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे. 
 


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