रिकार्ड उछाल के बाद शेयर बाजार में बिकवाली का दौर शुरू हो गया. एनएसई और बीएसई में निवेशक अब अपने निवेश से निकलने में लगे हैं. मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के बीच मार्केट अब ऊंचे स्तर से नीचे की ओर तेजी से नीचे आ रहा है. ऐसे में शेयर बाजार के निवेशकों को क्या स्ट्रेटजी अपनानी चाहिए. आखिर गिरते बाजार में निवेशक कैसे निवेश करें.


स्वाभाविक है बाजार का चढ़ना-उतरना


बाजार का चढ़ना-उतरना स्वाभाविक है. ऐसे में जब बाजार गिरता है तो निवेशक शेयरों में निवेश से मुंह मोड़ लेते हैं. लेकिन शेयर मार्केट के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सही स्ट्रेटजी नहीं है. जब बाजार अनिश्चितता से जूझ रहा हो तो निवेश बढ़ा देना चाहिए. दरअसल गिरते बाजार में निवेश की वैल्यू गिर जाने से निवेशक का पोर्टफोलियो घट जाता है. लिहाजा निवेशक को वैल्यू और गिरने से रोकने के लिए निवेश बढ़ा देना चाहिए. अगर वे ऐसा करेंगे तो जब बाजार सुधरेगा तो उन्हें बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलेगी.


गिरते बाजार में निवेश न रोकें 


अगर गिरते बाजार के इस दौर में निवेशक, निवेश रोक देते हैं इससे भुनाने की कोशिश में लग जाते हैं तो उनका रिटर्न इस बात पर निर्भर करेगा कि वे बाजार में निवेश कब करते हैं. जब बाजार में तेजी शुरू हो तब निवेश करने के लिए वास्तव में उनके पास विशेषज्ञता होनी चाहिए. उस समय उन्हें काफी रकम निवेश करने की जरूरत होगी. यह मुश्किल हो सकता है और इसलिए हो सकता है कि निवेशक फायदा न कमा पाएं.


निवेश को इक्विटी और फिक्स्ड इनकम में  बांटें 


निवेश में नियमित रूप से बने रहना चाहिए. हर महीने की बचत से वे निवेश करेंगे तो निवेशक को खरीद कीमत को औसत स्तर पर रखने का मौका मिलता रहेगा. बाजार की कमजोरी के दौर में निवेश बढ़ा दिया जाना चाहिए. कम कीमत पर शेयर खरीदने से बाजार की तेजी के दौर में मुनाफा अधिक होगा. अगर बाजार में कमजोरी है तो अच्छी स्थिति यह है कि निवेश को इक्विटी और फिक्स्ड इनकम में बांट देना चाहिए. बाजार स्थिरता के दौर में पहुंचे तो उन्हें इक्विटी में निवेश बढ़ा देना चाहिए.


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