दिलचस्प रहा है Sensex का 1000 से 60000 तक पहुंचने का सफर, उतार-चढ़ाव के बावजूद आसमान छूने की उड़ान जारी
Share Market: दिलचस्प बात ये है कि सेंसेक्स ने पिछले 2 सालों में ही रिकॉर्ड तेजी के साथ बढ़त हासिल की है. सेंसेक्स को 1000 अंक से 60000 के स्तर तक पहुंचने में 31 साल से थोड़ा ज्यादा वक्त लग गया.
Share Market: कोरोना काल में अगर किसी ने आसमान छूआ है तो वो भारतीय शेयर बाजार है. कोरोना काल में भी शेयर मार्केट की रफ्तार धीमी नहीं हुई है और हर दिन नए रिकॉर्ड भारतीय शेयर मार्केट बनाता हुआ दिखाई दे रहा है. अब बंबई शेयर बाजार के प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स ने 60,000 के एक ऐतिहासिक स्तर को छूआ है, जिसके बाद से ही शेयर बाजार में दिलचस्पी लेने वालों में खुशी की लहर है. वहीं शेयर बाजार के जानकार भी इस रिकॉर्ड स्तर के बाद काफी उत्साहित हैं. दूसरी तरफ सेंसेक्स के 1000 के स्तर से लेकर 60000 के स्तर तक पहुंचने की यात्रा भी काफी लंबी और शानदार रही है.
बंबई शेयर बाजार के प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स ने 25 जुलाई 1990 को पहली बार 1000 अंक का स्तर छुआ था. इसके बाद 24 सितंबर 2021 शुक्रवार को सेंसेक्स ने इतिहास में पहली बार 60000 के रिकॉर्ड स्तर को छुआ, जो एक ऐतिहासिक और यादगार यात्रा है. इस सफर को पूरा करने में सेंसेक्स को 31 सालों का समय लगा है. इतने सालों में सेंसेक्स ने काफी उतार चढ़ाव भी देखा है लेकिन आखिर में सेंसेक्स ने हमेशा ऊंचाई की तरफ ही कदम बढ़ाए हैं और आसमान छूने का सफर अभी भी जारी है.
हालांकि दिलचस्प बात ये है कि सेंसेक्स ने पिछले 2 सालों में ही रिकॉर्ड तेजी के साथ काफी ज्यादा बढ़त हासिल की है. सेंसेक्स को 1000 अंक से 60000 के स्तर तक पहुंचने में 31 साल से थोड़ा ज्यादा वक्त तो लग गया, लेकिन इसमें खास और अनोखी बात ये है कि सेंसेक्स ने 2021 में ही नौ माह की टाइम फ्रेम में ही 50000 अंक और 60000 अंक दोनों ही बड़े स्तर को पार किया है. वहीं ये दोनों स्तर सेंसेक्स ने ऐसे वक्त में छूए हैं, जब पूरी दुनिया में कोरोना का असर देखा जा रहा है और कई देश आर्थिक समस्याओं से भी परेशानी झेल रहे हैं. हालांकि इसके बावजूद सेंसेक्स की रफ्तार धीमी होने की बजाय और तेजी के साथ बढ़ी है.
उतार-चढ़ाव रहा जारी
सेंसेक्स के इस 31 सालों के सफर में कई घोटाले भी सामने आए और देश-दुनिया में आर्थिक मंदी से भी असर देखने को मिला. इसके अलावा देश में आतंकी घटनाओं के कारण भी उथल-पुथल मची. 60000 के स्तर तक पहुंचने में शेयर बाजार ने 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का झटका भी झेला. उस वक्त बाजार अपनी पैठ धीरे-धीरे बना ही रहा था कि हर्षद मेहता घोटाले के कारण बाजार को काफी नुकसान हुआ लेकिन फिर भी समय के साथ बाजार संभल गया. इसके बाद 1993 में मुंबई और बीएसई की इमारत में विस्फोट की घटना भी जहन में ताजा है. उस दौरान भी इनका असर शेयर बाजार पर देखने को मिला था. शेयर बाजार को 31 सालों के दौरान युद्ध की स्थिति का भी सामना करना पड़ा था. 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी बाजार में उथल-पुथल मची रही.
अमेरिका में आतंकी हमले का भी पूरे विश्व के बाजारों पर असर देखने को मिला था. भारतीय शेयर मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहा और यहां भी मार्केट काफी वक्त तक दबाव में रहा. इसके अलावा 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले ने भी शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया था. वहीं अचानक से सामने आए सत्यम घोटाले के कारण भी बाजार बुरी तरह से डगमगा गया था. 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में भी शेयर बाजार काफी महीनों तक हिचकोले खाता रहा और संभलने में उसे काफी वक्त लगा लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बाजार धीरे-धीरे संभल गया. वहीं नोटबंदी और पीएनबी घोटाले की आंच भी शेयर बाजार पर काफी गहरी देखने को मिली और 2020 के मार्च महीने में कोविड महामारी के कारण बाजार में मानों हाहाकार ही मच गया लेकिन मार्च 2020 से शेयर बाजार ने जो रफ्तार पकड़ी, उसके बाद बाजार ने पहले 50 हजार और अब 60 हजार का स्तर पार कर लिया है.
ये रहे रिकॉर्ड स्तर
30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के रिकॉर्ड स्तर पर नजर दौड़ाई जाए तो सेंसेक्स ने पहली बार 6 फरवरी 2006 को 10,000 अंक का स्तर छूआ था. इसके बाद 29 अक्टूबर 2007 को 20,000 का आंकड़ा सेंसेक्स ने छूआ. हालांकि मंदी के कारण सेंसेक्स को 30 हजार के स्तर तक पहुंचने में सात साल का वक्त लग गया और मार्च 2015 में सेंसेक्स 30000 के स्तर पर पहुंच गया. वहीं 40 हजार के स्तर पर पहुंचने के लिए सेंसेक्स को 4 साल का वक्त लगा. 23 मई 2019 को सेंसेक्स 40,000 अंक पर पहुंचा. इसके बाद दो साल से भी कम समय में सेंसेक्स ने लंबी उड़ान के साथ 21 जनवरी 2021 को 50,000 का आंकड़ा पार कर लिया और 8 महीने में ही अगले 10 हजार अंकों के साथ 60 हजार का स्तर छू लिया. वहीं इस बीच खास बात एक ये भी रही कि सेंसेक्स ने 2021 में ही 50 हजार और 60 हजार का स्तर पार किया है.
वहीं पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार ने कई अनिश्चितताओं का सामना किया है. इसके बावजूद कोरोना काल में बाजार की ऐसी रफ्तार अपने आप में काबिले तारीफ है. इस साल अब तक सेंसेक्स 25 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है और ये तेजी लगातार बनी हुई देखने को मिल रही है. पिछले महीने इसमें नौ फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि इस तेजी से पहले मार्च 2020 में सेंसेक्स में करीब 15.7 फीसदी की भारी भरकम गिरावट भी देखी थी. फिलहाल शेयर बाजार में धारणा मजबूत है और बाजार अभी और तेजी की उम्मीद लगाए हुए हैं.