Share Market News: शेयर बाजार में 43 महीनों में सबसे ज्यादा पार्टिसिपेटरी नोट (P-Note) के जरिये निवेश हुआ है. इस साल भारतीय बाजार में अक्टूबर के अंत तक ये निवेश बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गया. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर के अंत तक भारतीय बाजारों में P-नोट निवेश का मूल्य जिसमें इक्विटी, डेट और हाइब्रिड सिक्योरिटी शामिल है, 1,02,553 करोड़ रुपये था. आंकड़ों के मुताबिक यह निवेश मार्च 2018 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है. 2018 में P-नोट के जरिए 1,06,403 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था.


क्या होते हैं P-नोट्स?


P-नोट पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो खुद को बिना भारतीय शेयर बाजार सीधे रजिस्टर किए हुए ही हिस्सा बनना चाहते हैं. हालांकि, उन्हें एक उचित प्रक्रिया से जरूर गुजरना होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक अक्टूबर में P-नोट के जरिए कुल निवेश 5,000 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 1.02 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया. इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि इक्विटी का मूल्य लगभग 7,000 करोड़ रुपये बढ़ गया, जबकि बांड में निवेश मूल्य 2,000 करोड़ रुपये गिर गया.


क्या कहता है ये निवेश?


वैसे FPI के रुख में यह बदलाव आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लंबी अवधि की ब्याज दरें नीचे आ गई हैं और महंगाई के दबाव में रिजर्व बैंक 2022 में दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होगा. इस साल सितंबर के अंत में यह निवेश 97,751 करोड़ रुपये, अगस्त अंत तक 97,744 करोड़ रुपये था. जुलाई के लिए यह आंकड़ा पहले पोस्ट किए गए 1,01,798 करोड़ रुपये से संशोधित करके 85,799 करोड़ रुपये कर दिया गया था.


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