Share Market Opening on 18 September: घरेलू शेयर बाजार के लिए इस सप्ताह की शुरुआत ठीक नहीं हुई है. छुट्टियों से प्रभावित सप्ताह के पहले दिन बाजार ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. इस तरह बाजार में लगातार 11 दिनों से चली आ रही तेजी पर ब्रेक लग गया.


बाजार ने खुलते ही गोता लगा दिया. सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर जैसे ही सेशन शुरू हुआ, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स करीब 155 अंक के नुकसान में चला गया. चंद मिनटों में सेंसेक्स की गिरावट 255 अंक से ज्यादा की हो गई और यह 67,600 अंक से भी नीचे आ गया. इसी तरह निफ्टी करीब 60 अंक लुढ़ककर शुरुआती कारोबार में 20,130 अंक के पास आ गया.


प्री-ओपन सेशन से नुकसान


इससे पहले प्री-ओपन सेशन में ही घरेलू बाजार नुकसान में थे. बीएसई सेंसेक्स प्री-ओपन सेशन में करीब 175 अंक के नुकसान में था और 67,700 अंक से नीचे था. इसी तरह निफ्टी भी प्री-ओपन में 35 अंक से ज्यादा गिरा हुआ था. गिफ्ट निफ्टी के ट्रेंड इसी तरह की शुरुआत के संकेत कर रहे थे. गिफ्ट निफ्टी पर निफ्टी का वायदा नुकसान में था.


पिछले सप्ताह बनाया ये रिकॉर्ड


बाजार के ऊपर रिकॉर्ड उच्च स्तर का स्वाभावित दबाव दिख रहा है. पिछले सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 400 अंक से ज्यादा मजबूत होकर 67,838.63 अंक पर बंद हुआ, जो नया क्लोजिंग हाई है. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 67,927.23 अंक के नए ऑल-टाइम हाई लेवल तक जा पहुंचा था. वहीं निफ्टी 90 अंक मजबूत होकर नए रिकॉर्ड के साथ 20,200 अंक के पास बंद हुआ. शुक्रवार को बाजार लगातार 11वें दिन मजबूती में रहा था. बीते सप्ताह की बात करें तो पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 1,239.72 अंक और निफ्टी 1.87 फीसदी मजबूत हुआ था. घरेलू बाजार में लगातार तीन सप्ताह से तेजी रिकॉर्ड की जा रही थी.


शुरुआती कारोबार में बड़े शेयर


शुरुआती कारोबार में कई बड़े शेयरों पर दबाव दिख रहा था. खासकर आईटी शेयर बाजार खुलते ही लुढ़के हुए थे. सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा नुकसान में इंफोसिस का शेयर था. इंफोसिस के अलावा भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसे शेयर भी शुरुआती कारोबार में 1-1 फीसदी से ज्यादा के नुकसान में थे. बाजार की दो सबसे बड़ी कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस के शेयर भी 0.60 फीसदी तक गिरे हुए थे. दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील और पावरग्रिड जैसे शेयर बाजार को संभालने का प्रयास कर रहे थे.


आज के कारोबार में हाईलेवल पर बिकवाली के अलावा ग्लोबल फैक्टर बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. अमेरिका में फेडरल रिजर्व ब्याज दर पर क्या फैसला लेता है, इस बात पर दुनिया भर के निवेशकों की निगाहें टिकी हुई हैं.


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