चुनावी सीजन में अनिश्चितता की चपेट में आने के बाद पिछला सप्ताह घरेलू बाजार के लिए राहत लेकर आया. 6 दिनों की ट्रेडिंग वाले बीते सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार में 2 फीसदी की रिकवरी दर्ज की गई. अब देखते हैं कि छुट्टियों से प्रभावित रहने वाले नए सप्ताह में बाजार की चाल कैसी रहती है और किन फैक्टरों से प्रभावित होती है.


शनिवार को भी खुला बाजार


सबसे पहले बीते सप्ताह की बात, जो 6 दिनों के कारोबार के हिसाब से खास बन गया. बीते सप्ताह के दौरान डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग के लिए शनिवार को दो सेशन का खास कारोबार हुआ. स्पेशल कारोबार बाजार के लिए ठीक साबित हुआ. कारोबार समाप्त होने के बाद बीएसई सेंसेक्स 342.22 अंक (0.46 फीसदी) मजबूत होकर 74,005.94 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 98.15 अंक (0.44 फीसदी) की तेजी के साथ 22,502 अंक पर रहा.


बीते सप्ताह इतनी रिकवरी


पूरे सप्ताह के हिसाब से देखें तो घरेलू बाजार में लगभग दो फीसदी की तेजी दर्ज की गई. बीएसई सेंसेक्स सप्ताह के दौरान 1,341.47 अंक यानी 1.84 फीसदी मजबूत हुआ. उसी तरह एनएसई का निफ्टी50 इंडेक्स पूरे सप्ताह के हिसाब से 446.8 अंक यानी 2.02 फीसदी के फायदे में रहा.


चुनावी अनिश्चितता का शिकार


उससे पहले  10 मई को समाप्त हुआ सप्ताह बाजार के लिए खराब साबित हुआ था और लगातार दो सप्ताह से चली आ रही तेजी थम गई थी. चुनावी अनिश्चितता के चलते उस सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 1,213.68 अंकों यानी 1.64 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट आई थी. इसी तरह निफ्टी 50 में सप्ताह के दौरान 420.65 अंकों (1.87 फीसदी) की बड़ी गिरावट आई थी.


4 दिन का ही रहेगा सप्ताह


यह सप्ताह शेयर बाजार के लिए छोटा और छुट्टियों से प्रभावित रहने वाला है. सप्ताह के पहले दिन ही यानी 20 मई सोमवार को बाजार बंद रहने वाला है. सोमवार को मुंबई में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत मतदान होने वाला है, जिसके चलते वहां सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. इस तरह देखें तो इस सप्ताह में बाजार सिर्फ 4 दिनों के लिए ही खुलने वाला है.


गतिविधियों में तेजी बरकरार


सप्ताह के दौरान बाजार में अच्छा रुख दिख सकता है. ऐसा लग रहा है कि बाजार ने चुनावी अनिश्चितता को डाइजेस्ट कर लिया है. बाजार में गतिविधियों में कोई कमी नहीं आने वाली है. सप्ताह के दौरान 2 नए आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं, जबकि 8 नए शेयरों की लिस्टिंग होने वाली है. विदेशी निवेशक मई में बिकवाली कर रहे हैं, यह कुछ चिंता की बात है. एफपीआई ने बीते सप्ताह 10,650 करोड़ रुपये की बिकवाली की. हालांकि डीआईआई ने 14,410 करोड़ की लिवाली कर उसके असर को दूर कर दिया.


फेड चेयरमैन की टिप्पणियां


विदेशी मोर्चे पर देखें तो बाजार को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है. अमेरिकी और एशियाई बाजारों में तेजी बनी हुई है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जोरोम पॉवेल के कमेंट से बाजार पर असर दिख सकता है. कच्चे तेल और डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखी जा रही है. बाजार पर इसका भी असर दिख सकता है.


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