घरेलू शेयर बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी का दौर बना रहा. हालांकि आने वाले दिनों में बाजार में उथल-पुथल देखने को मिल सकती है. नए सप्ताह के दौरान बाजार को प्रभावित करने वाले कई फैक्टर हावी होने वाले हैं.


पिछले सप्ताह ऐसा रहा बाजार


बीते सप्ताह के आखिरी दिन 23 फरवरी शुक्रवार को सेंसेक्स मामूली 15.45 अंक (0.021 फीसदी) गिरकर 73,142.80 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 4.75 अंक (0.021 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 22,212.70 अंक पर रहा. पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 815.48 अंक यानी 1.13 फीसदी मजबूत हुआ. निफ्टी में भी140.95 अंक यानी 0.64 फीसदी की तेजी आई. उससे पहले के सप्ताह में दोनों इंडेक्स में 1-1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई थी. बीते 2 सप्ताह में सेंसेक्स करीब 1700 अंक मजबूत हो चुका है.


निफ्टी50 ने हर रोज बनाया रिकॉर्ड


बीते सप्ताह के दौरान बाजार वोलेटाइल रहा. सप्ताह के शुरुआती दिनों में बाजार ने तेजी दिखाई, जबकि आखिर में चाल सुस्त पड़ गई. हालांकि निफ्टी50 हर रोज नया उच्च स्तर छूने में सफल रहा. अमेरिकी बाजार में टेक शेयरों की रैली से घरेलू बाजार में भी टेक शेयरों को मजबूती मिली. सेक्टरों के हिसाब से एफएमसीजी और मेटल सबसे आगे रहे. स्मॉल कैप और मिड कैप में सिर्फ 0.12 फीसदी और 0.30 फीसदी की तेजी आई.


घरेलू मोर्चे पर प्रभावित करने वाले फैक्टर


नए सप्ताह में बाजार पर चुनावों के असर दिखने की शुरुआत हो सकती है. अगले एक-दो महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं. उससे पहले चुनावी माहौल बनने लगा है और गठबंधनों के बीच सीटों के बंटवारे का ऐलान होने लगा है. आर्थिक आंकड़ों के लिहाज से भी सप्ताह अहम होने वाला है. 29 फरवरी को तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े आने वाले हैं. वहीं सप्ताह के आखिरी दिन 1 मार्च को वाहन कंपनियां बिक्री के आंकड़े जारी करेंगी. एफएंडओ एक्सपायरी, एमएससीआई इंडेक्स के कैलिब्रेशन और सप्ताह के दौरान लॉन्च हो रहे 6 नए आईपीओ भी असर दिखा सकते हैं.


इन विदेशी फैक्टर का भी हो सकता है असर


विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुए हैं. बीते सप्ताह के पांच में से 3 सेशन में उन्होंने शुद्ध बिकवाली की. पूरे सप्ताह में एफपीआई ने करीब 2 हजार करोड़ रुपये की बिकवाली की. विदेशी निवेशक आगे भी यही रुख अपना सकते हैं. अमेरिका में भी सप्ताह के दौरान जीडीपी समेत कई आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं. पिछले सप्ताह कच्चे तेल के भाव में नरमी आई, जबकि डॉलर भी थोड़ा सुस्त पड़ा. डॉलर और कच्चे तेल के आगे के रुख से भी बाजार पर असर हो सकता है.


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