डेढ़-दो महीने से जारी लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुका है. एक जून शनिवार को सातवें व अंतिम चरण के मतदान के बाद अब लोगों को मतगणना का इंतजार है. उससे पहले चुनावी प्रक्रिया के दौर में बाजार काफी वोलेटाइल रहा है. हालांकि अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद बाजार में फिर से रैली लौट सकती है.


4 जून को मतगणना


लोकसभा चुनाव के लिए परिणाम 4 जून मंगलवार को सामने आएंगे. उससे पहले लगभग भी एक्जिट पोल मोदी सरकार के सत्ता में लौटने के संकेत दे रहे हैं. ज्यादातर एक्जिट पोल सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को 350 के आस-पास सीट दे रहे हैं, जबकि कुछ में तो 400 से ज्यादा सीटों के अनुमान भी दिए जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो बाजार परिणाम से उत्साहित होने वाला है.


पिछले सप्ताह इतना गिरा बाजार


बीते सप्ताह की बात करें तो घरेलू बाजार में लगभग 2 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई. सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स मामूली 75 अंक सुधरकर 73,961.31 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 42 अंक मजबूत होकर 22,530.70 अंक पर रहा. पूरे सप्ताह के हिसाब से सेंसेक्स में 1,449.08 अंक यानी 1.91 फीसदी की बड़ी गिरावट आई. निफ्टी में सप्ताह के दौरान 426.40 अंक यानी 1.85 फीसदी की गिरावट आई.


दो सप्ताह की तेजी के बाद गिरावट


31 मई को समाप्त सप्ताह में दो फीसदी की बड़ी गिरावट से पहले बाजार में दो लगातार सप्ताह से तेजी आ रही थी. उन दो सप्ताह के दौरान बाजार लगभग 4 फीसदी मजबूत हुआ था और सेंसेक्स-निफ्टी दोनों नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में कामयाब रहे थे. सेंसेक्स ने उस दौरान 75,636.50 अंक के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू दिया था, जबकि निफ्टी पहली बार 23 हजार अंक के स्तर को पार कर गया था.


चुनाव परिणाम सबसे बड़ा फैक्टर


अब जबकि दो दिन बाद रिजल्ट सामने आने वाले हैं, ऐसा माना जा रहा है कि उम्मीद के अनुरूप परिणाम मिलने पर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी जा सकती है. एक्जिट पोल के हिसाब से चुनाव परिणाम आने पर निफ्टी के पहली बार 24 हजार अंक के पार निकलने की भी उम्मीद है. कल 3 जून सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह में चुनाव परिणाम ही बाजार को प्रभावित करने वाला सबसे प्रमुख फैक्टर है.


एफपीआई की भारी बिकवाली


अन्य फैक्टर्स को देखें तो विदेशी निवेशक लगातार बिकवाल बने हुए हैं. एफपीआई चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बिकवाल हैं. मई महीने में एफपीआई की बिकवाली 25,586 करोड़ रुपये की रही है. उससे पहले अप्रैल में एफपीआई 8,671 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे. यह ट्रेंड आगे भी दिख सकता है और इससे बाजार पर कुछ दबाव रह सकता है.


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