अंतरिम बजट पेश हो चुका है और उसके बाद अब नया सप्ताह शुरू होने वाला है. पिछले सप्ताह के दौरान बजट वाले दिन बाजार सुस्त रहा. हालांकि बजट के बाद के सेशन में अच्छी तेजी दर्ज की गई. ओवरऑल सप्ताह न सिर्फ मजबूती वाला रहा, बल्कि घरेलू शेयर बाजार के लिए 2024 में अब तक का सबसे शानदार सप्ताह भी बन गया.


साल का सबसे अच्छा सप्ताह


बीते सप्ताह के अंतिम ट्रेडिंग डे 2 फरवरी (शुक्रवार) को बीएसई सेंसेक्स 440.34 अंक यानी 0.61 फीसदी की तेजी के साथ 72,085.63 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई का निफ्टी 50 शुक्रवार को 156.35 अंक यानी 0.72 फीसदी की बढ़त लेकर 21,853.80 अंक पर रहा. पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 1,384.96 अंक (1.95 फीसदी) की और निफ्टी में 501.2 अंक (2.34 फीसदी) की तेजी आई.


बजट वाले दिन गिरा बाजार


बजट वाले दिन बाजार की चाल अच्छी नहीं रही थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी गुरुवार को जब संसद में बजट पेश कर रही थीं, घरेलू शेयर बाजार सीमित दायरे में उदासीन चाल चल रहा था. बजट वाले दिन कारोबार समाप्त होने पर सेंसेक्स 106.81 अंक और निफ्टी 28.25 अंक डाउन रहा था.


लगातार 2 सप्ताह के गिरावट पर ब्रेक


बीते सप्ताह बाजार में लगातार दो सप्ताह की गिरावट के बाद बाजार में रिकवरी आई. उससे पहले 25 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 982.56 अंक यानी 1.37 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि निफ्टी 269.8 अंक यानी 1.24 फीसदी के नुकसान में रहा था. उससे पहले 20 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में सेंसेक्स 1,144.8 अंक यानी 1.57 फीसदी नीचे आया था, जबकि निफ्टी में 323 अंकों की गिरावट आई थी.


आरबीआई की नीतिगत बैठक


अब 5 फरवरी से शुरू हो रहे सप्ताह में बाजार को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर आरबीआई की एमपीसी है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की इस साल की पहली और चालू वित्त वर्ष की आखिरी बैठक 6 फरवरी से शुरू हो रही है. बैठक के नतीजे 8 फरवरी को सामने आएंगे.


इन कंपनियों के आएंगे नतीजे


उसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार की चाल पर असर दिखा सकते हैं. सप्ताह के दौरान अपोलो अस्पताल, भारती एयरटेल, ब्रिटानिया, पावर ग्रिड, नेस्ले, ल्यूपिन, ग्रासिम, अशोक लीलैंड, एलआईसी, अपोलो टायर्स, आईआरएफसी, टाटा पावर समेत कई कंपनियों के दिसंबर तिमाही के वित्तीय परिणाम जारी होने वाले हैं.


इन बाहरी फैक्टर का असर


बाजार पर एफपीआई के रुख का भी असर हो सकता है, जो इस साल बिकवाली कर रहे हैं. हालांकि बीते दो दिनों में एफपीआई ने लिवाली की है. वहीं विदेशी बाजार के ट्रेंड, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और कच्चे तेल की घट-बढ़ जैसे फैक्टर भी बाजार पर असर दिखा सकते हैं.


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