घरेलू शेयर बाजार में रैली बनी हुई है. पिछले चार सप्ताह से बाजार लगातार तेजी में है और इस दौरान दोनों प्रमुख घरेलू सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने नया-नया उच्च स्तर बनाया है. यह पिछले तीन महीने के दौरान घरेलू बाजार की सबसे लंबी लगातार रैली है.


अभी इस स्तर पर है घरेलू बाजार


पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स में करीब 1000 अंक यानी 1.25 फीसदी की तेजी आई. इसी तरह निफ्टी करीब 350 अंक (1.50 फीसदी) मजबूत हुआ. सप्ताह के अंतिम दिन 7 मार्च गुरुवार को सेंसेक्स 33.40 अंक (0.05 फीसदी) की बढ़त लेकर 74,119.39 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 19.50 अंक (0.09 फीसदी) की हल्की मजबूती के साथ 22,493.55 अंक पर रहा.


शुक्रवार को नहीं हुआ कारोबार


बीते सप्ताह में बाजार में सिर्फ 4 दिनों का ही कारोबार हुआ. 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर सेंसेक्स और निफ्टी में कारोबार नहीं हुआ. हालांकि उसके बाद भी बाजार ने सप्ताह के दौरान फिर से नया इतिहास बनाया. गुरुवार को दोनों सूचकांक नए क्लोजिंग हाई लेवल पर रहे. अंतिम दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 74,245.17 अंक के और निफ्टी50 ने 22,525.65 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ.


रैली में इतना चढ़ गया बाजार


पिछले सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स पहली बार 74 हजार अंक के पार निकला. अभी दोनों प्रमुख घरेलू सूचकांक अपने लाइफटाइम हाई लेवल के पास कारोबार कर रहे हैं. पिछले चार सप्ताह से चली आ रही लगातार रैली में सेंसेक्स और निफ्टी लगभग 3-3 फीसदी ऊपर चढ़ने में कामयाब हुए हैं.


घरेलू मोर्चे पर आएंगे कई आंकड़े


अब आने वाले सप्ताह की बात करें तो बाजार को कई फैक्टर प्रभावित कर सकते हैं. 11 मार्च से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान घरेलू मोर्चे पर अहम आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं. 12 मार्च मंगलवार को खुदरा महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे. उसके बाद 14 मार्च को थोक महंगाई के आंकड़े सामने आएंगे. नए सप्ताह के दौरान घरेलू बाजार में 7 कंपनियों के आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं, जबकि 5 नए शेयरों की बाजार पर लिस्टिंग होने वाली है.


असर डालने वाले बाहरी फैक्टर


विदेशी निवेशक एक बार फिर से लिवाली करने लगे हैं. पिछले सप्ताह के 4 में से 3 सेशन में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर लिवाल रहे. उनकी शुद्ध लिवाली 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रही. बाहरी मोर्चे पर सप्ताह के दौरान जापान और ब्रिटेन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के जीडीपी आंकड़े जारी होंगे. ब्याज दरों पर वैश्विक सेंट्रल बैंकों के रुख, कच्चे तेल के भाव और डॉलर में घट-बढ़ से भी बाजार पर असर दिख सकता है.


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