घरेलू शेयर बाजार लगातार 4 सप्ताह से बिकवाली का शिकार हो रहा है. पिछले महीने के दौरान बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ने अपना नया रिकॉर्ड हाई लेवल बनाया था. उसके बाद से बाजार गिरावट की चपेट में है. अब देखना है कि 21 अगस्त से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान घरेलू बाजार में क्या रुख देखने को मिलता है.
एक महीने में इतना गिरा बाजार
पिछले सप्ताह की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 373.99 अंक यानी 0.57 फीसदी के नुकसान में रहा था और सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को 65 हजार अंक से भी नीचे आ गया था. जुलाई महीने के दौरान यह 67,620 अंक के उच्च स्तर तक पहुंचा था. वहीं निफ्टी पिछले सप्ताह के दौरान 118.15 अंक यानी 0.60 फीसदी टूटकर 19,310 अंक के पास बंद हुआ था. जुलाई में निफ्टी 19,990 अंक के पार निकलने में सफल रहा था. इस तरह देखें तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों एक महीने पहले के स्तर की तुलना में करीब साढ़े तीन फीसदी गिरे हुए हैं.
15 महीने में पहली बार ऐसी गिरावट
दरअसल जुलाई महीने के दौरान दोनों मुख्य सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने एक के बाद एक नया हाई लेवल बनाया था. उसके बाद स्वाभाविक बिकवाली शुरू हो गई, क्योंकि बाजार का उच्च स्तर अक्सर निवेशकों को मुनाफा वसूलने के लिए उकसाता है. हाई लेवल पर शुरू हुई बिकवाली अब तक थमी नहीं है, यही कारण है कि लगातार 4 सप्ताह से दोनों सूचकांक नुकसान में जा रहे हैं. ऐसा 15 महीने में पहली बार हुआ है.
महंगाई का बना हुआ है डर
आने वाले सप्ताह की बात करें तो इस दौरान कई फैक्टर मिलकर बाजार की चाल तय करने वाले हैं. बाजार के ऊपर महंगाई का असर होगा. जुलाई महीने में खुदरा महंगाई 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई. पिछले पांच महीने में ऐसा पहली बार हुआ, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक की अपर लिमिट 6 फीसदी के पार निकली हो. रिजर्व बैंक ने हाल ही में प्रकाशित अगस्त बुलेटिन में इस बात की आशंका जाहिर की है कि सितंबर तिमाही में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है.
सप्ताह में नए आईपीओ और लिस्टिंग
नए सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक अगस्त एमपीसी बैठक के मिनट्स जारी करेगा, जिसमें महंगाई और रेपो रेट पर रिजर्व बैंक के रुख के बारे में जानकारी मिलेगी. सप्ताह के दौरान बाजार में 2 नए आईपीओ Vishnu Prakash R Punglia IPO और Aeroflex Industries IPO आ रहे हैं. उनके अलावा TVS Supply Chain Solutions और Shelter Pharma की लिस्टिंग होने वाली है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो फाइनेंशियल के शेयर भी बाजार में आने वाले हैं.
इन बाहरी फैक्टर्स का भी होगा असर
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एक बार फिर से शुद्ध बिकवाल बनने लगे हैं. अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजार से मिला-जुलाकर दूरी ही बनाई है और शुद्ध तौर पर बिकवाल रहे हैं. ऐसे में बाजार को एफपीआई से सपोर्ट मिलने की उम्मीद कम ही है. वैश्विक स्तर पर अगले सप्ताह चीन में कई अहम आर्थिक आंक़ड़े जारी होंगे. वहीं कच्चा तेल और डॉलर की घट-बढ़ का भी बाजार पर असर हो सकता है.
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