शार्क टैंक इंडिया में Business Idea लेकर पहुंचे शख्स को नहीं मिली फंडिंग, फिर भी चमक गई किस्मत!
Shark Tank India Season 2: शार्क टैंक में जूते के बिजनेस आइडिया के लिए फंडिंग लेने आए एक शख्स को भले ही फंडिंग नहीं मिली, लेकिन एपिसोड के बाद उनके साथ जो हुआ उससे वो खुश हैं.
Shark Tank India season 2: बिजनेस रियल्टी शो शार्क टैंक में एक व्यक्ति को बिजनेस का आइडिया लेकर पहुंचे एक शक्स को फंडिंग तो नहीं मिली, लेकिन शो के खत्म होने के बाद उस व्यक्ति की किस्तम चमक गई. शार्क टैंक के एक जज ने उन्हें नौकरी ऑफर किया. वहीं उनके कंपनी के जूते खरीदने के लिए लोगों में होड़ मच गई. दावा है कि एपिसोड आने के बाद अमेजन पर उनके शूज बिक गए थे.
दरअसर, फ्लैटहेड शूज के फाउंडर गणेश बालकृष्णन शार्क टैंक के एक शो में पहुंचे हुए थे. बालकृष्णन ने फंडिंग की मांग की थी और कहा कि उनके पास कंपनी को बचाने के लिए भी पैसे नहीं है. अगर उन्हें फंडिंग नहीं मिलती है तो उन्हें बिजनेस छोड़कर जॉब करनी पड़ेगी. इसके बाद, अब लोग इनके जूते खरीदकर सपोर्ट कर रहे हैं.
नौकरी का मिला ऑफर
आईआईटी बाम्बे से ग्रेजुएट बालकृष्णन ने 2019 में फ्लैटहेड शूज की शुरुआत की थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण उनका बिजनेस बूरी तरह से प्रभावित हुआ था. इससे पहले, उन्होंने तीन और कंपनियों की शुरुआत की थी. शार्क टैंक में बालकृष्णन को एक ऑफर पीयूष बंसल की ओर से दिया गया था, वे 33 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 75 लाख रुपये की फंडिंग दे रहे थे, जिसके लिए बालकृष्णन ने इनकार कर दिया. बाद में अनुपम मित्तल ने उनकी तारीफ करते हुए नौकरी का ऑफर दे दिया.
बालकृष्णन को लोगों का मिला साथ
एपिसोड के आने के बाद लोग बालकृष्णन की तारीफ कर रहे हैं और जूते खरीदकर उनको सपोर्ट कर रहे हैं. लिंक्डइन पर बालकृष्णन ने एक पोस्ट के जरिए कहा है कि उनके जूते खरीदने के लिए काफी संख्या में लोग आने लगे हैं. उन्होने कहा कि एपिसोड के आने के बाद उनके सभी जूते अमेजन पर बिक चुके थे और लोग अब और डिमांड कर रहे हैं.
कौन हैं गणेश बालकृष्णन?
बालकृष्णन एमबीए हैं और आईआईटी बॉम्बे के स्टूडेंट रह चुके हैं. अपना बिजनेस शुरू करने से पहले उन्होंने कुछ कॉर्पोरेट्स में भी काम किया है. उन्होंने पिछले कुछ सालों में कई ब्रांड बनाए हैं. कंपनी की वेबसाइट का दावा है कि फ्लैटहेड्स शूज भारत में पहला फुटवियर ब्रांड है, जो शूज बनाने में बांस का इस्तेमाल करता है.
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