Shark Tank India 2: कॉलेज में पढ़ाई करते बनाया ड्रोन, पिछले महीने की कमाई सुनकर चौंक गए शार्क, जानें क्या है डिमांड
कॉलेज में पढ़ाई करते-करते बनाया ड्रोन, सिर्फ 5000 रुपए से शुरू की कंपनी..ओशी कुमारी, अर्थ चौधरी और देवयंत भारद्वाज ने अपने ड्रोन व्यवसाय को शार्क के सामने पेश किया है.
Shark Tank India 2 Season : देश में बिजनेस रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया के सीजन-2 (Shark Tank India Season-2) में आए दिन शानदार स्टार्टअप और आइडिया सामने आ रहे है. शो में कुछ स्टार्टअप ऐसे सामने आ रहे है, जिन्हे देखकर खुद शार्क टैंक इंडिया के जज भी चौंक जा रहे है. अगले एपिसोड के लिए जारी ट्रेलर में 3 लोगों की टीम को शो में ड्रोन कंपनी के लिए आइडिया बता रहे है. इसमें दो लड़के और एक लड़की का ग्रुप है. हालांकि दोनों लड़के अभी कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करके निकले ही हैं, जबकि लड़की अभी कॉलेज में अपना चौथा साल में है. जानें क्या है खास....
मात्र 5,000 में शुरू की टीम
वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 3 युवा उद्यमियों - ओशी कुमारी, अर्थ चौधरी और देवयंत भारद्वाज ने अपने ड्रोन व्यवसाय को शार्क के सामने पेश कर दिया है. ओशी, अर्थ और देवयंत ने मिलकर खुलासा किया है कि उन्होंने महज 5,000 रुपये के निवेश के साथ अपनी कंपनी टीम इनसाइड एफपीवी (Inside FPV) शुरू की और अब उन्हें उम्मीद है कि शार्क उनकी कंपनी में 4 प्रतिशत इक्विटी के बदले में 75 लाख रुपये का निवेश कर देंगे.
75 लाख की रखी मांग
दो लड़के और एक लड़की ने शार्क टैंक के जजों से अपने व्यापर को बढ़ाने के लिए 4 फीसदी इक्विटी के बदले 75 लाख रुपये की मांग रखी है. शार्क ने जब कंपनी की वित्तीय हालत के बारे में जानना चाहा तो, उन्होंने कहा कि पिछले महीने 85 लाख रुपये की कमाई हुई है. जिसे सुनकर शार्क को भरोसा नहीं हुआ. साथ ही उन्हें उम्मीद है कि इस साल वे 4 करोड़ रुपये के टारगेट तक पहुंच सकते है.
शार्क्स टीम ने की बच्चों की तारीफ
शार्क ने इस टीम की काफी सराहना की है. शार्क जज में शामिल नमिता थापर (Emcure Pharmaceuticals की कार्यकारी निदेशक) का कहना है कि टीम में लड़की को देखना कमाल है. वही दूसरी और अमित जैन सीईओ और सह-संस्थापक - (CarDekho.Com) ने उनकी वित्तीय हालत को सुनकर कहा, “क्या बात है.” जबकि लैंसकार्ट के पीयूष बंसल का कहना है कि, “मुझे तो और कम लग रहा था.”
डील फाइनल होगी या नहीं
अभी तक शार्क टैंक में देखा गया है कि व्यापारी या छोटे उद्यमी रेवेन्यू जेनरेशन की तुलना में अधिक फंडिंग की मांग करते हैं. इसमें इक्विटी भी बहुत कम ऑफर करते हैं. अब इन लोगों को 85 लाख रुपया की कमाई पर 75 लाख की फंडिंग मांगना संभवत: शार्क्स को पंसद आया है. अब देखना है कि शार्क्स और इन उद्यमियों के बीच डील फाइनल होगी या नहीं. इसकी जानकारी अगले एपिसोड में पता चलेगी.
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