टीसीएस का नया नियम इस साल जुलाई से लागू होने वाला था. ऐसे में जून महीने के दौरान भारतीयों की ओर से रिकॉर्ड गिफ्ट विदेश भेजना और इक्विटी खरीद की गई है. जून 2023 में महीने दर महीने आधार पर यह खरीद 35 फीसदी और जून 2022 की तुलना में 96 प्रतिशत बढ़ चुका है. 


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, आरबीआई की एलआरएस स्कीम के तहत फंड का आउटफ्लो जून में बढ़कर 3.89 अरब डॉलर (32,000 करोड़ रुपये) हो गया, जो इस साल मई में 2.88 अरब डॉलर या 23,900 करोड़ रुपये था. जून 2022 में एलआरएस आउटफ्लो सिर्फ 1.98 बिलियन डॉलर या 16,430 करोड़ रुपये था. 


आरबीआई की एलआरएस स्कीम के तहत इक्विटी या डेट इनवेस्ट, अचल संपत्ति की खरीद, विदेशी जमा और विदेश में रिश्तेदारों के लिए चीजों की खरीद में रिकॉर्ड खरीद हुई है. इसके बाद सरकार ने टीसीएस डेडलाइन को 1 अक्टूबर 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया था. इस नियम के तहत एलआरएस के तहत नाबालिग समेत सभी निवासी आरबीआई की पूर्व मंजूरी के बिना हर साल करीब 2.07 लाख करोड़ रुपये तक विदेश भेज सकते हैं. 


पिछले पांच साल के दौरान एलआरएस के तहत कुल 763,400 करोड़ रुपये तक की राशि भेजा गया है. वित्त वर्ष 2022-23 में एलआरएस के तहत एवरेज आउटफ्लो हर महीने 2.261 बिलियन डॉलर था, जो एक साल के दौरान 27.14 अरब डॉलर हो गया. वहीं इस साल अप्रैल-जून तिमाही के लिए बाहर भेजी गई राशि बढ़कर 9.1 अरब डॉलर हो चुका है, जो वित्त वर्ष 2023 में कुल भेजी गए अमाउंट का एक तिहाई है. इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण यह है कि जुलाई से टीसीएस चार्ज से बचने के लिए विदेश में पैसा भेजा गया है.  


गौरतलब है कि बजट 2023-24 में एजुकेशन और मेडिकल को छोड़कर अन्य सभी चीजों के लिए टीसीएस दर को 7 लाख रुपये से ऊपर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा, विदेशी टूर पैकेजों के लिए, सरकार ने 1 जुलाई से टीसीएस दर को बिना किसी सीमा के 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था. 


वहीं 16 मई को इसमें संशोधन किया गया, जिसके तहत केंद्र ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत क्रेडिट कार्ड खर्च को एलआरएस में शामिल किया गया. वित्त वर्ष के दौरान डेबिट या क्रेडिट कार्ड से विदेशी खर्च पर 7 लाख रुपये तक कोई टीसीएस नहीं लगेगा. सरकार ने टीसीएस का नया नियम 1 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दिया है. 


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