DGGI Tax Demand: इन विदेशी शिपिंग कंपनियों को मिली भारत में राहत, खत्म हुई 3000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड
Shipping Firms Tax Demand: संबंधित विदेशी शिपिंग कंपनियों के ऊपर आरोप था कि उन्होंने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत भारत में कई सेवओं पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया है...
भारत में काम कर रहीं कई विदेशी शिपिंग कंपनियों को बड़ी राहत मिली है. टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ जारी टैक्स डिमांड को वापस लेने का फैसला किया है. टैक्स डिपार्टमेंट के इस फैसले से संबंधित विदेशी शिपिंग कंपनियों को करीब 3 हजार करोड़ रुपये की राहत मिली है.
18 कंपनियों के खिलाफ नोटिस ड्रॉप
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) ने देश में काम कर रहीं 18 विदेशी शिपिंग कंपनियों के खिलाफ करीब 3 हजार करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड को समाप्त करने का फैसला लिया है. ये टैक्स डिमांड वित्त वर्ष 2017-18 के लिए थे. ईटी की रिपोर्ट में डिमांड वापस लेने की खबर मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से दी गई है.
इन विदेशी कंपनियों को होगा फायदा
अगर यह खबर सच है तो इस फैसले से कई बड़ी विदेशी कंपनियों को फायदा होने वाला है. उनमें मेयर्स्क, ओरिएंट ओवरसीज कंटेनर लाइन लिमिटेड, हैपेग लॉयड मेडिटेरेनियन शिपिंग जैसी कंपनियां शामिल हैं. शिपिंग कंपनियों को जुलाई 2017 के बाद से सेवाओं के आयात पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने के संबंध में टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिला था.
2017-18 के बाद के नोटिस अभी भी बरकरार
रिपोर्ट के अनुसार, जिन शिपिंग कंपनियों को टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस भेजे गए थे, उन्होंने एक जॉइंट अंडरटेकिंग देकर बताया कि 2017-18 के दौरान उन्होंने सेवाओं का कोई आयात नहीं किया. उसके बाद टैक्स डिपार्टमेंट ने करीब 3000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड को ड्रॉप करने का फैसला लिया. हालांकि 2017-18 के बाद के सालों के लिए नोटिस को ड्रॉप नहीं किया गया है.
पिछले साल शुरू हुई थी इस बात की जांच
डीजीजीआई ने अक्टूबर 2023 में शिपिंग कंपनियों के खिलाफ जांच की शुरुआत की थी. उस समय आरोप था कि कई विदेशी शिपिंग कंपनियों और विदेशी विमानन कंपनियों के ब्रांच ऑफिसेज ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. उनके ऊपर रेंटल सर्विसेज, विमानों के मेंटनेंस और चालक दल के सदस्यों की सैलरी जैसी सेवाओं पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने का मामला बनाया गया था.
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