Shriram Group: दो आईपीओ लाएगा श्रीराम ग्रुप, इंश्योरेंस सेक्टर में उथलपुथल मचाने की तैयारी
Shriram Finance: श्रीराम फाइनेंस के एग्जीक्यूटिव वाईस चेयरमैन उमेश रेवनकर ने बताया कि ग्रुप की दोनों इंश्योरेंस कंपनियां शुरू से ही मुनाफे में हैं. सही समय आने पर इनके आईपीओ का ऐलान किया जाएगा.
Shriram Finance: देश भर में फाइनेंशियल सर्विसेज देने वाले श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) ने आईपीओ मार्केट में धमाका करने की तैयारी शुरू कर दी है. श्रीराम ग्रुप की दो कंपनियां श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस (Shriram Life Insurance) और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस (Shriram General Insurance) अपना आईपीओ लेकर आएंगी. ये आईपीओ दो साल के अंदर आएंगे. इन दोनों कंपनियों का स्वामित्व श्रीराम ग्रुप और साउथ अफ्रीका के सेनलाम ग्रुप (Sanlam Group) के पास है.
मुनाफे में चल रहीं दोनों इंश्योरेंस कंपनियां
श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance) के एग्जीक्यूटिव वाईस चेयरमैन उमेश रेवनकर (Umesh Revankar) ने मंगलवार को कहा कि श्रीराम ग्रुप अगले दो साल में अपनी बीमा कंपनियों को लिस्टेड करने की योजना बना रहा है. पहले जनरल इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ लाया जाएगा. इसके बाद लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की लिस्टिंग होगी. उमेश रेवनकर ने कहा कि दोनों कंपनियां आगे बढ़ रही हैं. एक निश्चित स्तर पर पहुंचने के बाद इनकी लिस्टिंग की जाएगी. दोनों कंपनियां अच्छा कर रही हैं. वे शुरू से ही लाभ कमा रही हैं. हमें इन दोनों कंपनियों को कोई पूंजी नहीं देनी पड़ी है.
सेनलाम ग्रुप ने हाल ही में खरीदी थी बड़ी हिस्सेदारी
सेनलाम ग्रुप ने हाल ही में इन दोनों कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी (TPG) से खरीद ली थी. टीपीजी की श्रीराम जनरल इंश्योरेंस में 6.29 फीसदी और श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस में 7.04 फीसदी हिस्सेदारी थी. उमेश रेवनकर ने कहा कि श्रीराम ग्रुप की एनबीएफसी श्रीराम फाइनेंस फंड के लिए विदेशी बॉन्ड मार्केट में जाने की कोई योजना नहीं है. कंपनी घरेलू मार्केट से ही पैसा जुटाना चाहती है. अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है तो इस बारे में विचार किया जा सकता है. श्रीराम फाइनेंस करीब 1 अरब डॉलर जुटाना चाहती है.
एसेट मैनेजमेंट बिजनेस को बड़ा करने में जुटी है कंपनी
उमेश रेवनकर ने कहा कि अभी हम अपने एसेट मैनेजमेंट बिजनेस को बड़ा करने में जुटे हुए हैं. श्रीराम फाइनेंस की 3,000 ब्रांच हैं. हमारे पास डिपॉजिट एजेंट और बीमा एजेंट हैं. हमें अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने डिस्ट्रीब्यूशन पावर को बढ़ाना है. उमेश रेवनकर ने बताया कि हमारी एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी बैंकों और एनबीएफसी से रिटेल एसेट खरीदने की कोशिश करेगी.
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