Indian Railway Electric Train: भारतीय रेलवे आए दिन अपने तकनीक में बदलाव करने के साथ ही नई तकनीक को शामिल कर रहा है. ट्रेनों से लेकर रेलवे स्टेशनों तक को आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से लेकर बुलेट ट्रेन इसका उदाहरण हैं. वहीं अब इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के लिए रेलवे ने एक कंपनी के साथ डील की है. यह डील 26 हजार करोड़ रुपये का हुआ है. 


रेलवे की यह डील सीमेंस इंडिया से हुई है, जो रेलवे के लिए 1200 रेल इंजन बनाएगी. हालांकि इन इंजनों का इस्तेमाल मालगाड़ी के लिए किया जाएगा. कंपनी ने इसकी जानकारी 16 जनवरी यानी कि सोमवार को दिया है. कंपनी की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय के साथ 9000 हॉर्स पावर का 1200 रेल इंजन बनाने का कंट्रैक्ट लिया है. यह भारत में मिला सबसे बड़ा ऑर्डर है. 


11 साल में इंजन होगा तैयार 


कंपनी ने कहा कि इलेक्ट्रिक रेल इंजन अगले 11 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. साथ ही कंट्रैक्ट में 35 सालों तक रखरखाव की जिम्मेदारी ली गई है. सीमेंस इंडिया के मैंनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुनील माथुर ने कहा कि सीमेंस मोबिलिटी तकनीक का इस्तेमाल करके इसे तैयार किया जाएगा. 


कहां तैयार किए जाएंगे इलेक्ट्रिक इंजन 


कंपनी ने अपने बयान में जानकारी दी है कि इलेक्ट्रिक इंजनों को गुजरात के दाहोद में स्थित भारतीय रेलवे की फैक्ट्री में असेम्बल किया जाएगा. कांट्रैक्ट की कुल वैल्यू 26,000 करोड़ रुपये हैं. इसमें टैक्स और प्राइस वेरिएशन को शामिल नहीं किया गया है. इन इंजनों का मेंटीनेंस रेलवे के विशाखापत्तनम, खड़कपुर, रायपुर और पुणे स्थित डिपो में किया जाएगा. इनकी असेंबली और मेंटीनेंस का काम इंडियन रेलवे के कर्मचारियों के साथ मिलकर किया जाएगा. 


कितनी गति से चलेगी ये रेल इंजन 


इन आधुनिक रेल इंजनों का इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए किया जाएगा. इसे 4500 टन के वजन के साथ 120 किमी की रफ्तार से दौड़ाने के लिए तैयार किया जाएगा. माना जा रहा है कि इससे करीब 80 करोड़ टन से अधिक कॉर्बनड्राइ आक्साइड की बचत होगी. 


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